झांसी की रहने वाली रीता नाम की एक महिला ने मेडिकल कॉलेज पर गंभीर आरोप लगाए हैं. रीता का कहना है उन्हें बेटा हुआ था. लेकिन बाद में नर्स ने बेटा बदलकर एक बेटी पकड़ा दी. जब रीता ने इसका विराध किया और डीएनए जांच कराने की मांग की तो बेटी को एक इंजेक्शन लगाया गया जिसके बाद उसकी बॉडी काली पड़ गई. लेकिन कुछ दिनों बाद ही उन्हें पता चला कि बच्ची की मौत हो गई. अब बच्ची की मां का कहना है कि अस्पताल के लोगों ने बच्ची की हत्या कर दी है. फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है जिसकी रिपोर्ट के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट हो पाएगा. वहीं मेडिकल कॉलेज प्रशासन इन आरोपों को सिरे से खारिज कर रहा है और डीएनए जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है.
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'बेटे को देखा था नर्स ने बदल दिया'
यह मामला झांसी के मोंठ थानांतर्गत बमरौली आजाद नगर की 24 वर्षीय रीता से जुड़ा है. रीता को 4 दिसंबर को प्रसव पीड़ा के बाद झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. रीता ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि 'दो दिन भर्ती रही और ये लोग दर्द के इंजेक्शन लगाते रहे. लेकिन जब मैं बाथरूम गई तो बच्चा वहीं हो गया. मैंने एक लड़के को जन्म दिया था और मैंने उसे अच्छे से देखा भी था. तभी एक नर्स आई बच्चे को ले गई और उसे गायब कर दिया.'
नर्स ने बदल दिया बच्चा
रीता का आरोप है कि नर्स ने उनके पति से कहा कि बेटा हुआ है और पत्नी चाय मांग रही है. पति चाय लेने गए और जब लौटे तो नर्सों ने बताया कि अब बेटी हुई है. यह सुनकर रीता ने हंगामा किया जिसके बाद नर्सों ने उसे धमकाया कि अगर वह लड़की नहीं लेगी तो उसे जेल भेज दिया जाएगा.पुलिस बुलाने के बाद भी उन्हें बेटी ही सौंपी गई. इसके बाद रीता ने डीएनए कराने की मांग रखी. DNA के लिए बच्ची की बॉडी से जैसे ही खून निकाला गया उसकी बॉडी कली पड़ गई. रीता का कहना है कि ब्लड निकालने से पहले तक वह बच्ची बिल्कुल ठीक थी. लेकिन तबीयब बिगड़ने पर उसे एडमिट कराया गया.
बच्ची की मौत के बाद रीता ने लगाए ये सारे आरोप
रीता का आरोप है कि वह जब तक अस्पताल में एडमिट रहीं तब तक उन्हें नींद की गोली दी गई ताकि वह बच्ची से ना मिल पाएं. इसके बाद पुलिस की मदद से उन्हें छुट्टी मिली. लेकिन बच्ची को भर्ती किया गया था. ऐसे में जब रीता ने बच्ची की एक फोटो लेने की कोशिश की तो उसे मना कर दिया गया. फिर 11 दिसंबर को रीता को जानकारी दी गई बच्ची की रात 9 बजे मौत हो गई. रीता का आरोप है कि उसके पीछे बच्ची की जान ली गई है. रीता का कहना है कि उसका बेटा हुआ था और उसे उसका बच्चा चाहिए .
डीएनए और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद सुलझेगी गुत्थी
मेडिकल कॉलेज प्रशासन आरोपों को खारिज कर रहा इस पूरे मामले पर जब झांसी मेडिकल कॉलेज के सीएमएस सचिन माहौर से बात की गईतो उन्होंने सभी आरोपों को झूठा बताया. सीएमएस माहौर ने कहा कि 'कुछ दिन पहले यह केस हुआ था जिसमें माता-पिता का आरोप था कि उन्हें बेटा हुआ है और उन्हें बेटी दी जा रही है. हमने प्रारंभिक जांच की और डीएनए जांच के लिए सैम्पल भेज दिया था. कल उस बच्ची की मौत हो गई.'
सीएमएस ने आगे बताया कि बच्ची का वजन काफी कम था और वह अविकसित थी जिस कारण उसे बच्चा वार्ड में रखा गया था. उन्होंने कहा कि माता-पिता के सामने न आने पर बच्ची के शव को पुलिस को सौंपा गया था. डीएनए जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हकीकत सामने आएगी. फिलहाल इस पूरे मामले ने मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डीएनए जांच के नतीजों का इंतजार कर रही है जिसके बाद ही इस उलझी हुई गुत्थी को सुलझाया जा सकेगा.
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