उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) में बाघिन 'शक्ति' की मौत की वजह बर्ड फ्लू पाई गई है. 7 मई को मृत पाई गई इस बाघिन की रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि शक्ति की मौत एवियन इन्फ्लुएंजा (H5N1) यानी बर्ड फ्लू से हुई थी. इस खबर से पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है और प्रशासन हाई अलर्ट पर आ गया है.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से गोरखपुर, लखनऊ और कानपुर के चिड़ियाघरों के साथ-साथ इटावा लायन सफारी को सात दिनों के लिए बंद करने के निर्देश दिए हैं.
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) अनुराधा वेमूरी द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, इस अवधि में सभी प्राणि उद्यानों में वन्य जीवों की सघन निगरानी की जाएगी. खास निर्देश दिए गए हैं कि अगर चिड़ियाघर परिसर या उसके आसपास किसी भी पक्षी या जानवर की असामान्य मौत होती है तो उसकी तुरंत जांच कराई जाए और बर्ड फ्लू से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं.
सीएम योगी ने सभी चिड़ियाघरों और पोल्ट्री फार्मों में विशेष सतर्कता बरतने, पोल्ट्री उत्पादों की आवाजाही पर नियंत्रण और कर्मचारियों को PPE किट पहनकर काम करने के निर्देश दिए हैं.
क्या होता है बर्ड फ्लू, ये कितना खतरनाक?
बर्ड फ्लू यानी एवियन इन्फ्लुएंजा मुख्यतः पक्षियों को प्रभावित करता है, लेकिन यह इंसानों के लिए भी जानलेवा हो सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अगर यह इंसानों में फैलता है तो इसकी मृत्यु दर 60% तक हो सकती है. यह वायरस संक्रमित पक्षियों के मल, पंख या सतहों के संपर्क से फैलता है. ऐसे में आम जनता को सतर्क रहने की सलाह दी गई है—अधपके पोल्ट्री उत्पाद न खाएं, संक्रमित पक्षियों के पास न जाएं, मास्क और दस्ताने का इस्तेमाल करें और लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
सरकार की यह सख्त पहल बर्ड फ्लू के खतरे को फैलने से रोकने और जानवरों के साथ-साथ आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है.
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