Bareilly News: उत्तर प्रदेश की बरेली पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए "हैदरी दल" नामक सोशल मीडिया नेटवर्क के कथित मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है. यह नेटवर्क कथित रूप से फर्जी समाचारों और भड़काऊ सामग्री के माध्यम से साम्प्रदायिक माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहा था. बता दें कि आरोपी को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से पकड़ा गया है.
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पहले से दर्ज थे कई केस
नगर क्षेत्र के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी सिटी) मनुष पारिख ने जानकारी देते हुए बताया कि "हैदरी दल बरेली" नाम से संचालित सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ पहले भी धार्मिक भावनाएं भड़काने, महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक कंटेंट पोस्ट करने, और लोक व्यवस्था बिगाड़ने के कई मामले दर्ज हैं. पुलिस ने इन अकाउंट्स पर पहले भी कार्रवाई की थी लेकिन इसके बावजूद आरोपी ने उन्हें दोबारा सक्रिय कर लिया और भड़काऊ कंटेंट साझा करता रहा. 3 सितंबर को एक नया मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने इस पर गंभीरता से कार्रवाई शुरू की.
साइबर सेल और सर्विलांस की मदद से हुई गिरफ्तारी
मामले की जांच में साइबर सेल और सर्विलांस टीम को लगाया गया, जिसने आरोपी की लोकेशन ट्रेस कर ली. इसके बाद पुलिस ने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के सौंसर थाना क्षेत्र में छापा मारकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान अकबर अली के रूप में हुई है. मिली सूचना के अनुसार अकबर इखलाक हुसैन का बीटा है. अकबर मूल रूप से फतेहपुर (यूपी) के आवाज़ीपुर गांव का रहने वाला है. वह हाल ही में पटेल कॉलोनी, सौंसर (मध्य प्रदेश) में रह रहा था.
सोशल मीडिया पर था बड़ा नेटवर्क
पूछताछ के दौरान आरोपी अकबर अली ने स्वीकार किया कि वह सोशल मीडिया पर तीन प्रमुख अकाउंट्स, हैदरी दल ऑफिशियल (35,000 फॉलोअर्स), टीम हैदरी दल (1,350 फॉलोअर्स) और राष्ट्रीय टीवी (144 फॉलोअर्स) का संचालन कर रहा था. इन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से वह लगातार भड़काऊ, आपत्तिजनक और गुमराह करने वाली पोस्ट साझा करता था.
पुलिस के मुताबिक, अकबर अली की रणनीति बेहद चालाक थी. वह विभिन्न शहरों और राज्यों में हुई पुरानी घटनाओं के वीडियो इंटरनेट से जुटाता, फिर उन्हें एडिट कर नया रूप देता और इस तरह पेश करता मानो वे ताज़ा घटनाएं हों. उसका मकसद था लोगों की भावनाएं भड़काना और धार्मिक तनाव फैलाकर सामाजिक माहौल बिगाड़ना. यह सब कुछ सोची-समझी साजिश के तहत किया जा रहा था.
साम्प्रदायिक माहौल खराब करने की थी साजिश
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह एक सुनियोजित प्रयास था, जिसके पीछे मकसद समाज में वैमनस्यता फैलाना और अशांति पैदा करना था. आरोपी की सोशल मीडिया गतिविधियां असामाजिक तत्वों को उकसाने वाली थीं.
पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस नेटवर्क के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं. सभी डिजिटल साक्ष्यों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है और आरोपी के खिलाफ आईटी एक्ट और दंगा भड़काने जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
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