उत्तर प्रदेश के आगरा के फतेहाबाद तहसील में प्रतापपुरा नीचाखेड़ा गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां सड़क न होने की वजह से गर्भवती महिला को अस्पताल तक पहुंचाना परिजनों के लिए किसी संघर्ष से कम नहीं रहा. परिजनों नें गर्भवती पूजा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर कीचड़ से भरे उबड़-खाबड़ रास्ते से होते हुए चारपाई पर लिटाकर 500 मीटर दूर खड़ी एंबुलेंस तक लेकर जाना पड़ा. इस दौरान ना केवल गर्भवती महिला बल्कि परिजनों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
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बुधवार को गांव की एक महिला पूजा देवी को अचानक प्रसव पीड़ा हुई. ऐसे में परिजनों ने तुरंत एंबुलेंस को बुलाया. लेकिन उबड़-खाबड़ और कीचड़ भरे रास्तों के कारण एंबुलेंस गांव के भीतर तक नहीं आ पाई. ऐसे में मजबूर परिजनों ने महिला को चारपाई पर लिटाकर करीब 500 मीटर तक कीचड़ भरे रास्ते से उठाकर एंबुलेंस तक ले गए. इस दौरान महिला प्रसव पीड़ा से कराहती रही. बाद में महिला को अस्पताल पहुंचाया गया जहां उसने सुरक्षित बच्चे को जन्म दिया.
गांव के रहने वाले शिव सिंह ने कहा कि 'जब से देश आजाद हुआ यह सड़क ऐसी ही है. बहुत कोशिश की सड़क बनवाने के लिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए कई बार कंप्लेंट कर दी गई है. क्या करें हमारी मजबूरी है. लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है और ना ही कोई अधिकारी आता है. ऐसे में जब किसी को कोई तकलीफ हो जाती है तो चारपाई पर रख कर ले जाना पड़ता है. एंबुलेंस दो, चार किलोमीटर दूर रह जाती है.
ग्रामीण जितेंद्र का कहना है कि इस तरह की स्थिति यहां अक्सर होती है. आपातकालीन हालात में मरीजों को चारपाई पर लादकर गांव के बाहर तक ले जाना पड़ता है. कई बार गर्भवती महिलाओं को भी इसी तरह अस्पताल पहुंचाना पड़ता है. ग्रामीणों ने सीएम पोर्टल पर शिकायत भी की. लेकिन समस्या का समाधान अब तक नहीं हो पाया.
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