अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत का मंदिर में पूजा, कीर्तन करते वीडियो वायरल, जबरदस्त चर्चा शुरू

विनय कुमार सिंह

29 Apr 2024 (अपडेटेड: 29 Apr 2024, 05:40 PM)

नुसरत की एक और तस्वीर सामने आई है, जिसमें वह शिव मंदिर में पूजा, कीर्तन करती हुई दिखाई दे रही हैं. इस दौरान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

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Ghazipur News: लोकसभा चुनाव में गाजीपुर सीट, यूपी के सबसे हॉट सीटों में से एक है, यहां से समाजवादी पार्टी ने मुख्तार असांरी के भाई अफजाल अंसारी को अपना उम्मीदवार बनया है. वहीं गाजीपुर में अफजाल अंसारी के चुनावी प्रचार में उनकी बेटी नुसरत भी नजर आ रही हैं. बता दें कि हाल ही में नुसरत अपने पिता अफजाल के साथ चुनाव प्रचार करती हुई नजर आई थीं. इस बीच नुसरत की एक और तस्वीर सामने आई है, जिसमें वह शिव मंदिर में पूजा, कीर्तन करती हुई दिखाई दे रही हैं. इस दौरान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. ऐसे में यह कयास भी लगाया जा रहा है कि अफजाल अंसारी, जल्द ही अपनी बेटी को भी चुनावी मैदान में उतार सकते हैं.

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मंदिर में पूजा करती दिखीं अफजाल की बेटी

सोशल मीडिया पर अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं. इस तस्वीर में नुसरत शिव मंदिर में आशीर्वाद लेते हुए नजर आ रही हैं. बता दें कि हाल ही में उनकी कुछ तस्वीरें सामने आई थी, जिसमें वह अपने पिता के साथ सपा कार्यालय में महिला विंग की सदस्यों को संबोधित करती हुई नजर आई थीं. ऐसे में नुसरत को चुनावी मैदान में इस तरह से एक्टिव देख यह माना जा रहा है कि अफजाल अपनी बेटी को अपनी राजनीतिक विरासत सौंप सकते हैं. 


बता दें कि अफजाल अंसारी को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से गैंगेस्टर मामले में 4 साल की सजा हुई थी. ऐसे में उनकी संसद की सदस्यता रद्द हो गयी थी. सजा के खिलाफ अफजाल अंसारी ने इलाहाबाद हाइकोर्ट में अपील किया, जहां से उनको जमानत तो मिल गई लेकिन अभी सजा से राहत नहीं मिली है. इसके बाद अफजाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सुप्रीम कोर्ट ने उनकी संसद की सदस्यता बहाल कर दी और उनको चुनाव लड़ने के योग्य करार दिया. साथ ही इलाहाबाद हाइकोर्ट को 30 जून तक इस मामले का निस्तारण का भी आदेश दिया है. बता दें कि इस मामले की सुनवाई हाइकोर्ट में 2 मई होनी है. 

अफजाल बेटी को सौंपेगे राजनीतिक विरासत?

बता दें कि गाजीपुर में लोकसभा चुनाव सातवें चरण में होना है. ऐसे में गाजीपुर में 7 मई से नामांकन शुरू होने की चर्चा है. अगर इस बीच अफजाल अंसारी की सजा हाइकोर्ट से बहाल हो जाती है तो वह चुनाव नहीं लड़ पायेंगे. वहीं अगर सुनवाई टलती है और अफजाल चुनाव लड़ते हैं तब भी उनके ऊपर सजा की तलवार लटकती रहेगी. इसी वजह से यह कयास लगाया जा रहा है कि अफजाल चुनाव में अपनी बेटी को उतार सकते हैं. हालांकि फिलहाल अफजाल अंसारी इस मामले को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.
 

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