Karakat Seat Prediction: काराकाट सीट पर चलेगा पवन सिंह की पत्नी ज्योति का जादू, पत्रकारों ने बताया कौन जीत सकता है चुनाव

बिहार की काराकाट विधानसभा पर वोटिंग पूरी हो चुकी है. 14 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे जारी किए जाएंगे. काराकाट सीट पर जदयू की ओर से महाबली सिंह हैं. वहीं CPI-ML के डॉ. अरुण कुमार और पवन सिंह की पत्नी ज्योति निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं.

pawan singh and jyoti singh

यूपी तक

11 Nov 2025 (अपडेटेड: 11 Nov 2025, 08:15 PM)

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Karakat Seat Prediction: बिहार की काराकाट विधानसभा पर वोटिंग पूरी हो चुकी है. 14 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे जारी किए जाएंगे. काराकाट सीट पर जदयू की ओर से महाबली सिंह हैं. वहीं CPI-ML के डॉ. अरुण कुमार और पवन सिंह की पत्नी ज्योति निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं. बता दें कि ज्योति सिंह की वजह से ये सीट काफी चर्चा में रही है. ज्योति सिंह ने इस चुनाव में काफी जोर शोर से प्रचार-प्रसार भी किया था. ऐसे में जब काराकाट में मतदान खत्म हो गया है तो हमारे सहयोगी बिहार Tak ने यहां के वरिष्ठ पत्रकारों से बात की और जाना कि इस बार यहां की जनता के मन में क्या है और उसने किस पर भरोसा जताया है.

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कौन कौन हैं उम्मीदवार?

बंदना सिंह: बसपा
योगेंद्र सिंह: जेएसपी
महाबली सिंह: जेडी(यू)
निर्मल शर्मा: जेजीजेपी
अरुण सिंह: सीपीआई(एमएल)(एल)
मोहम्मद इरशाद खान:  एलजेडी
ज्योति सिंह: आईएनडी

ज्योति सिंह का क्या होगा?

2020 की अगर बात करें तो सीपीआई एमएलए इस सीट पर चुनाव जीती थी. वहीं बिहार तक के पत्रकारों का अनुमान के मुताबिक, काराकाट सीट से अरुण सिंह कुशवाहा जो सीपीआई एमएल के उम्मीदवार हैं वो एक बार फिर से चुनाव जीत सकते हैं. महाबली सिंह की यहां पर क्लोज फाइट होगी. लेकिन वो चुनाव हार सकते हैं. ज्योति सिंह बड़ा फैक्टर यहां पर निकल कर सामने आ रही हैं. इस तुनाव मे ज्योति सिंह को महिला वोटर्स का साथ मिलता दिख रहा है.  ऐसे में उन्हें भी ठीक-ठाक वोट मिलने की उम्मीद है. 

1967 में एक विधानसभा क्षेत्र के रूप में स्थापित काराकाट एक सामान्य निर्वाचन क्षेत्र है और काराकाट लोकसभा सीट के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. अब तक यहां हुए 14 विधानसभा चुनावों में, भाकपा (माले) (एल) ने सबसे ज़्यादा चार बार यह सीट जीती है. सभी बार अरुण सिंह कुशवाहा ने अपने उम्मीदवार के रूप में. संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, कांग्रेस, जनता पार्टी और जनता दल ने दो-दो बार यह सीट जीती है, जबकि जदयू और राजद ने एक-एक बार यह सीट जीती है.

भाकपा (माले) (एल) के अरुण सिंह कुशवाहा, जो पहले लगातार तीन बार इस सीट से जीत चुके थे. एक दशक के लंबे अंतराल के बाद 2020 में चौथी बार चुने गए जब उनकी पार्टी राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो गई. उन्होंने भाजपा के राजेश्वर राज को 18,189 मतों से हराया. हालांकि 2024 के लोकसभा चुनावों में यह अंतर काफी कम हो गया. जब भाकपा (माले) (एल) के उम्मीदवार को केवल 6,599 मतों की बढ़त मिली. इससे भाजपा को उम्मीद है कि अगर वह अपने एनडीए सहयोगियों को एकजुट कर पाती है तो वह काराकाट में अपनी पहली जीत दर्ज कर सकती है.

काराकाट में अनुमानित 17.61 प्रतिशत अनुसूचित जाति के मतदाता हैं. जबकि मुस्लिम मतदाता लगभग 8.6 प्रतिशत हैं.यह मुख्यतः ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र है जहां केवल 11.13 प्रतिशत मतदाता शहरी हैं. 2020 के विधानसभा चुनावों में काराकाट के 328,648 पंजीकृत मतदाताओं में से केवल 52.28 प्रतिशत ने ही मतदान किया. 2024 के लोकसभा चुनावों में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या बढ़कर 337,162 हो गई.

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