माता-पिता का त्याग और बच्चों की पढ़ाई के प्रति लगन का ही ये नतीजा है कि चाहे जो परिस्थिती हो.. मेहनत के आगे सब नतमस्तक हैं.. जी हां, कुछ ऐसी ही कहानी है शाहजहांपुर के अनिकेत की..यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में अनिकेत ने पांचवा स्थान हासिल किया.. और 96.60% लाकर अपने स्कूल और शाहजहांपुर का नाम रोशन किया.. अनिकेत के पिता एक किसान थे.. लेकिन अनिकेत की पढ़ाई देख अपना गांव घर छोड़ शहर आकर बस गए.. लेकिन महज 1500 रूपय की नौकरी कर बच्चों को पढ़ाया.
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