लंबा ओवरकोट पहन सड़क पर निकल ले रहे महाकुंभ आने वालों का हालचाल, कौन हैं प्रयागराज के DM रविंद्र मांदड़?

देशभर से करोड़ों लोग संगम में डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं. इन सब के बीच प्रयागराज के डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ की भी खूब चर्चा हैं. इस खबर में आप डीएम मांदड़ की पूरी कहानी जानिए.

यूपी तक

14 Jan 2025 (अपडेटेड: 14 Jan 2025, 04:48 PM)

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IAS Ravindra Kumar Mandar Life Story: इन दिनों प्रयागराज का जिक्र आते ही लोगों की जुबान पर महाकुंभ का नाम अपने आप ही आ जा रहा है. प्रयागराज में इन दिनों महाकुंभ की धूम है. देशभर से करोड़ों लोग संगम में डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं. इन सब के बीच प्रयागराज के डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ की भी खूब चर्चा हैं. अभी हालिया डीएम मांदड़ जब लंबा ओवरकोट पहन स्थिति का जायजा लेने के लिए सड़क पर उतरे, तब लोग उन्हे देखते ही रह गए. डीएम ने महाकुंभ में आए लोगों से हालचाल भी पूछा. इस दौरान उनके साथ डीआईजी अजय पाल शर्मा भी मौजूद रहे. इस बीच डीएम मांदड़ चर्चा के केन्द्र में हैं. इस खबर में आप डीएम मांदड़ की पूरी कहानी जानिए.

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कौन हैं प्रयागराज के DM रविंद्र मांदड़?

बता दें कि IAS अधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं. उनका जन्म साल 1988 में हुआ था. वह साल 2013 में आईएएस के लिए चुने गए. इसके बाद उनकी ट्रेनिग मसूरी में हुई. वह रामपुर में भी जिलाधिकारी के पद पर रह चुके हैं. इस दौरान उन्होंने मिशन समर्थ चलाकर 61 दिव्यांग बच्चों की सर्जरी भी करवाई थी. माना जाता है कि डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने अपने अभी तक के पूरे कार्यकाल में 900 से ज्यादा तालाबों का निर्माण करवाया है. 

 

 

रविंद्र कुमार मांदड़ की गिनती योगी सरकार के सबसे तेज तर्रार अफसरों में होती है. पीएम मोदी भी IAS रविंद्र कुमार को सम्‍मानित कर चुके हैं. 

IAS मांदड़ का था ये सपना

जानकारी के अनुसार, डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ को बचपन से ही क्रिकेट का जुनून था. वह अपने भीतर एक सफल क्रिकेटर बनने का सपना पाले हुए थे, लेकिन उनकी मां की आंखों में एक अलग ही ख्वाब था कि उनका बेटा एक बड़ा अफसर बने. मां ने हमेशा उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया, और उनके हौसले की ये लहरें रविंद्र को सही दिशा में बहाती रहीं. मां की प्रेरणा और सीख ने उन्हें एक नई राह दिखाई, जिसके चलते रविंद्र कुमार ने अपने सपनों को नई ऊंचाई पर पहुंचाया और कलेक्टर बनकर अपने परिवार का सपना साकार किया.


 

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