देश की राजधानी दिल्ली के सबसे प्रतिष्ठित क्लबों में से एक कॉन्सटिट्यूशन क्लब में मंगलवार को एक दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला. 'बीजेपी बनाम बीजेपी' के इस मुकाबले में वरिष्ठ नेता राजीव प्रताप रूडी ने कॉन्सटिट्यूशन क्लब में अपनी 25 सालों की बादशाहत बरकरार रखने में सफलता हासिल की. रूडी ने पश्चिमी यूपी के दिग्गज और अपनी ही पार्टी के पूर्व सांसद जाट नेता संजीव बलियान को क्लब के सचिव (प्रशासन) के पद पर हुए चुनाव में शिकस्त दे दी. खास बात यह रही है कि इस चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस, टीएमसी जैसे तमाम दलों के सांसदों और इस क्लब के सदस्यों ने इस चुनाव में हिस्सा लिया.
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इस चुनाव में गृहमंत्री अमित शाह, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे दिग्गज नेताओं ने वोट डाला. रूडी ने इस जीत के बाद बताया कि उनके पैनल में कांग्रेस, सपा, टीएमसी और इंडिपेंडेंट सांसद शामिल थे.
इस बहुचर्चित चुनाव के आंकड़े क्या रहे?
चुनाव जीतने के बाद अपने समर्थकों के साथ इसका जश्न मना रहे राजीव प्रताप रूडी ने देर रात पत्रकारों को बताया कि उन्होंने 100 से अधिक वोटों से जीत हासिल की और उनका पैनल भी जीत गया. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक रूडी ने पत्रकारों से कहा, 'यह सभी सांसदों और उन लोगों के लिए एक शानदार जीत है, जो वोट देने आए और पिछले दो दशकों की हमारी टीम की अथक मेहनत का समर्थन किया. यह एक शानदार अनुभव रहा.'
मौजूदा सचिव (प्रशासन) और पांच बार लोकसभा सांसद रहे रूडी और बलियान के बीच का यह मुकाबला "बीजेपी बनाम बीजेपी" के रूप में देखा गया. चुनाव के बाद मिली जानकारी के मुताबिक 1295 मौजूदा और पूर्व सांसदों में से 680 से अधिक वैध वोट डाले गए.
निशिकांत दुबे जैसे सांसदों ने खुलकर दिया था संजीव बलियान का साथ
इस चुनाव में पीयूष गोयल और किरेन रिजिजू जैसे केंद्रीय मंत्रियों के अलावा जेपी नड्डा, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला जैसे तमाम दिग्गजों ने वोट डाला. मंगलवार को वोट डालने आए बीजेपी के झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने तो इस चुनाव में खुलकर संजीव बालियान का समर्थन किया था. निशिकांत दुबे ने संजीव बलियान की जीत की भविष्यवाणी भी करते हुए कहा था कि, 'ये चुनाव डॉक्टर बालियान जीतेंगे क्योंकि क्लब IAS, IPS, IFS, पायलट इन सबों के हाथ में चला गया है. क्लब को इन लोगों के हाथों से बाहर निकालना है इसलिए डॉक्टर बालियान को जिताना है.' हालांकि निशिकांत दुबे का कैंपेन और उनकी भविष्यवाणी दोनों ही संजीव बलियान के काम नहीं आई और नतीजा रूडी के पक्ष में रहा.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि विपक्षी दलों से जुड़े सदस्यों ने बड़े पैमाने पर रूडी का समर्थन किया, जबकि बीजेपी के सदस्यों में अपनी पार्टी के ही दोनों नामों में विभाजन दिखा. रूडी और बलियान दोनों ही पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे हैं और अलग-अलग सामाजिक पृष्ठभूमि से आते हैं. रूडी एक कमर्शियल पायलट के रूप में भी जाने जाते हैं. रूडी ने बिहार के सारण से लोकसभा चुनावों में राबड़ी देवी और उनकी बेटी रोहिणी आचार्य जैसे नेताओं को हराया है.
वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले संजीव बलियान ग्रामीण पृष्ठभूमि के एक चर्चित जाट नेता रहे हैं. रूडी के ठाकुर और उनके प्रतिद्वंद्वी संजीव बलियान के जाट होने के कारण इस मुकाबले को जातिगत रंग भी मिला. हालांकि अंततः रूडी कॉन्सटिट्यूशन क्लब का यह चुनाव जीतने में कामयाब रहे.
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