कौन हैं बिजनौर की DM जसजीत कौर जिनके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जारी किया वारंट?

बिजनौर की डीएम जसजीत कौर के खिलाफ वारंट जारी हुआ है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस मनीष कुमार ने वारंट जारी किया है. पर क्यों... खबर में आगे जानिए पूरा मामला.

IAS Jasjeet Kaur

संतोष शर्मा

21 Nov 2025 (अपडेटेड: 21 Nov 2025, 08:19 PM)

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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बिजनौर की जिलाधिकारी (DM) जसजीत कौर के खिलाफ वारंट जारी किया है. जस्टिस मनीष कुमार की सिंगल बेंच ने सीजेएम बिजनौर को अगली तारीख 5 जनवरी 2026 को डीएम जसजीत कौर को पेश करने के लिए कहा है. कोर्ट के इस सख्त आदेश के बाद IAS जसजीत कौर की चर्चा है. आइए आपको खबर में आगे बताते हैं कौन हैं DM जसजीत कौर और क्यों उनके खिलाफ यह वारंट जारी हुआ है?

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कौन हैं IAS जसजीत कौर

यूपी सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, जसजीत कौर 2012 बैच की IAS अफसर हैं. वह मूल रूप से पंजाब के अमृतसर की रहने वालीं हैं. उनका जन्म 14 अक्टूबर 1984 को हुआ था. उन्होंने जीएनडीयू अमृतसर से अर्थशास्त्र में बीएससी और  यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास से कंप्यूटर साइंस में पीजी की डिग्री हासिल की है. वर्तमान में जसजीत कौर बिजनौर की डीएम है. बिजनौर से पहले आईएएस जसजीत कौर की मेरठ में तैनाती थी. 

क्यों जारी हुआ है DM जसजीत के खिलाफ वारंट

यह मामला बिजनौर के धामपुर निवासी विक्रम सिंह की याचिका से जुड़ा है. विक्रम सिंह धनगर समाज महासंघ के अध्यक्ष हैं. आरोप है कि DM जसजीत कौर ने विक्रम सिंह का जाति प्रमाण पत्र उनके रिटायरमेंट से महज आठ दिन पहले निरस्त कर दिया था. डीएम के इस आदेश को विक्रम सिंह ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी थी. 

हाईकोर्ट ने सबसे पहले दिया था ये आदेश

हाईकोर्ट ने इस मामले में DM को निर्देश दिया था कि वह समाज कल्याण विभाग की विजिलेंस से जांच करवाएं और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व निर्णयों के अनुसार मामले का निस्तारण करें. आरोप है कि डीएम ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया और बिना जांच करवाए ही एक पक्षीय आदेश पारित करते हुए मामले को निस्तारित कर दिया. डीएम के इसी एक पक्षीय आदेश और कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना के खिलाफ विक्रम सिंह ने हाईकोर्ट में कोर्ट ऑफ कंटेम्प्ट की याचिका दायर की थी. 

सुनवाई के दौरान क्या हुआ?

अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीएम जसजीत कौर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा था. डीएम जसजीत कौर खुद कोर्ट में पेश नहीं हुईं, बल्कि उनकी तरफ से केवल जिला समाज कल्याण अधिकारी ही कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट ने जब इस मामले पर स्टैंडिंग काउंसिल से संपर्क किया तो उन्होंने भी यह स्वीकार किया कि डीएम बिजनौर ने उनसे कोई संपर्क स्थापित नहीं किया है. इसे कोर्ट के आदेशों और प्रक्रिया के प्रति गंभीर उदासीनता मानते हुए जस्टिस मनीष कुमार ने DM बिजनौर जसजीत कौर के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया है. 

आगे क्या होगा?

कोर्ट ने स्पष्ट रूप से सीजेएम बिजनौर को यह आदेश दिया है कि वह DM जसजीत कौर को अगली सुनवाई की तारीख 5 जनवरी 2026 को हर हाल में हाईकोर्ट में पेश करें.

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