Narak Chaturdashi 2024: धनतेरस के दिन माता-लक्ष्मी और कुबेर भगवान की पूजा करने की मान्यता है. इस दिन सोने-चांदी और नए बर्तनों की खरीदारी करना बहुत शुभ माना जाता है. इसके साथ ही लोग रात के वक्त यम का दीपक भी जलाते हैं, इसलिए इस दिन को नरक चतुर्दशी और छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है. नरक चतुर्दशी की रात यम का दीपक जलाने की परंपरा के पीछे मान्यता है कि इससे अकाल मृत्यु या किसी भी अनहोनी का खतरा टल जाता है. इसे "यम दीपदान" कहा जाता है, जो कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि पर किया जाता है.
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क्यों जलाया जाता है यम का दीपक
Narak Chaturdashi History:नरक चतुर्दशी के दिन यम का दीपक जलाने के पीछे मान्यता है कि इससे मृत्यु के भय का नाश होता है और परिवार पर यमराज की कृपा बनी रहती है. इस दीपदान से घर में सुख-समृद्धि और सुरक्षा आती है. यमराज की पूजा करने से घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है. यमराज की कृपा से धन-धान्य में वृद्धि होती है. इसके साथ ही पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
कब जलाना चाहिए यम का दीपक
Narak Chaturdashi Time:नरक चतुर्दशी की रात यम दीपक जलाने के लिए सूर्यास्त के बाद घर के मुख्य द्वार पर एक मिट्टी का दीपक जलाना चाहिए. दीपक में सरसों का तेल डालें और उसे दक्षिण दिशा की ओर रखें. मान्यता है कि इस दीपक से यमराज प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. दीपक जलाते समय परिवार के कल्याण और किसी भी अनहोनी से रक्षा की प्रार्थना करना शुभ माना जाता है.
यम का दीपक जलाने का मुहूर्त
Narak Chaturdashi Muhurat:धनतेरस पर यम का दीपक जलाने का मुहूर्त 29 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 2 मिनट तक रहने वाला है. इसी अवधि में यम का दीपक प्रज्जवलित करें.
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