PM की मां के वजन के बराबर सोना मिला दान में! स्वर्णिम हुआ काशी विश्वनाथ मंदिर का गर्भगृह

हिमांशु मिश्रा

28 Feb 2022 (अपडेटेड: 14 Feb 2023, 09:05 AM)

रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी जब यूपी चुनाव के मद्देनजर वाराणसी में ‘बूथ विजय सम्मेलन’ के जरिए बीजेपी कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के बाद काशी…

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रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी जब यूपी चुनाव के मद्देनजर वाराणसी में ‘बूथ विजय सम्मेलन’ के जरिए बीजेपी कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे, तो एक अलग ही छटा से रूबरू हुए.

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इस बार मंदिर का गर्भगृह स्वर्णिम मिला. सोने के पत्रों से की गई मढ़ाई ने काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह की भव्यता को एक अलग ही रूप दे दिया. यह सब कुछ इतने भव्य स्वरूप में दिखा कि पीएम मोदी अभिभूत नजर आए.

187 सालों बाद काशी विश्वनाथ गर्भगृह को मिली इस स्वर्णिम आभा की कहानी पीएम मोदी और उनकी मां से भी जुड़ी हुई है.असल में सूत्रों के हवाले से यह पता चला है कि दक्षिण भारत के बड़े कारोबारी ने पीएम मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडर बनाए जाने के बाद पीएम की मां हीरा बेन के वजन के बराबर सोना दान दिया. इसी सोने की परतों से मंदिर के गर्भगृह की दीवारों को मढ़ा गया है.

गर्भगृह के स्वर्ण मंडन का काम पूरा हो जाने के बाद रविवार को पीएम मोदी पूजा करने पहुंचे थे. पीएम ने इस पूरी स्वर्णिम कवायद को अद्भुत और अकल्पनीय बताया है. आपको बता दें कि पीएम शाम करीब 6 बजे मंदिर परिसर पहुंचे.

विश्वनाथ द्वार से प्रवेश करने के बाद उन्होंने मंदिर परिसर के उत्तरी गेट से गर्भगृह में प्रवेश किया. मंदिर के अर्चक सत्यनारायण चौबे, नीरज पांडे और देव महाराज ने बाबा का षोडशोपचार पूजन कराया. पूजन के पश्चात प्रधानमंत्री ने बाबा श्री काशी विश्वनाथ से जनकल्याण की कामना की.

इसके बाद पीएम ने परिसर के अंदर चारों ओर हुए स्वर्ण कार्य को देखा. उन्होंने कहा कि दीवारों पर उकेरी गई विभिन्न देवताओं की आकृतियां स्वर्णमंडन के बाद और भी स्पष्ट प्रदर्शित हो रही हैं. स्वर्ण मंडन के बाद गर्भ गृह की आभा कई गुनी बढ़ गई है.

इस दौरान परिसर में उपस्थित श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के उद्घोष से, तो सेवादारों ने डमरू बजाकर उनका भव्य स्वागत किया. परिसर में उपस्थित शास्त्रियों ने मंगलाचरण कर प्रधानमंत्री का अभिवादन किया. पूजा के बाद पीएम को अंगवस्त्रम और मोमेंटो भेंट किया गया.

187 वर्ष पहले पंजाब के तत्कालीन महाराजा रणजीत सिंह ने 22 मन सोने से नाथ मंदिर के दो शिखरों को स्वर्ण मंडित कराया था.

अब दक्षिण भारत के दानदाताओं की मदद से गर्भगृह को सोने से स्वर्ण मंडित कराने का काम लगभग पूरा हो चुका है और काशीपुराधिपति के मंदिर का गर्भगृह सोने से दमकने लगा है.

मंदिर के अंदर की पूरी दीवारों पर सोने के पत्तर लगे हुए हैं. महाशिवरात्रि से पहले बचा सारा काम पूरा कर लिया जाएगा और इस बार शिव भक्त स्वर्णिम आभा में महादेव के दर्शन कर सकेंगे.

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