यूपी की इकॉनमी में बंपर उछाल, GSDP 29.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान, इस तेजी को समझिए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समीक्षा बैठक में सामने आए यूपी की अर्थव्यवस्था के शानदार आंकड़े. GSDP 29.6 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान, कृषि, पशुपालन, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में तेज वृद्धि. जानें कैसे यूपी बन रहा भारत का 'ग्रोथ इंजन'.

Yogi government economic growth

यूपी तक

• 07:01 AM • 15 Jul 2025

follow google news

उत्तर प्रदेश अब आर्थिक विकास में भी देश को नई दिशा दिखा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की अर्थव्यवस्था की व्यापक समीक्षा की है. इसमें सामने आए आंकड़े बेहद उत्साहजनक हैं. अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 तक उत्तर प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) 29.6 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच जाएगा. यह आंकड़ा महज चार साल पहले, 2020-21 की तुलना में लगभग 80 प्रतिशत की हैरतअंगेज बढ़ोतरी को दर्शाता है. मुख्यमंत्री ने इस आर्थिक बदलाव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत' के सपने से प्रेरित 'संभावनाओं से परिणाम तक' का सफर बताया.

यह भी पढ़ें...

राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में यूपी का बढ़ता कद: अब 10% हिस्सेदारी का लक्ष्य

यूपी की आर्थिक प्रगति का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में इसकी हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है. 2020-21 में जहां यह 8.4 प्रतिशत थी, वहीं अब यह बढ़कर 8.9 प्रतिशत हो गई है. मुख्यमंत्री ने इसे 'आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश' की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि करार दिया. उन्होंने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि हमें 2026 तक इस हिस्सेदारी को 10 प्रतिशत तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य लेकर अभी से ही ठोस रणनीति बनानी होगी. 

बदल रही है आर्थिक तस्वीर: कृषि से उद्योगों की ओर झुकाव

राज्य की आर्थिक संरचना में एक बड़ा बदलाव साफ दिख रहा है. अब अर्थव्यवस्था केवल कृषि पर निर्भर नहीं है, बल्कि विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) और सेवा क्षेत्रों की हिस्सेदारी में लगातार वृद्धि हो रही है. मुख्यमंत्री ने 'मेक इन यूपी' मॉडल को अगले दशक के लिए औद्योगिक विकास का आधार बताया है. उन्होंने ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नई फैक्ट्रियां लगाने के लिए विशेष प्रोत्साहन देने के निर्देश दिए हैं, ताकि विकास का लाभ शहरों तक ही सीमित न रहे. आंकड़े बताते हैं कि पंजीकृत फैक्ट्रियों की संख्या 2024-25 में 27 हजार से अधिक हो गई है, जो औद्योगिक विस्तार की रफ्तार को दर्शाता है.

कृषि में उत्पादन बढ़ा, पर उत्पादकता में सुधार की दरकार

खाद्यान्न उत्पादन: कृषि क्षेत्र में भी यूपी ने शानदार प्रदर्शन किया है. 2024-25 में खाद्यान्न उत्पादन 722 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2020-21 से 100 लाख मीट्रिक टन ज्यादा है. हालांकि, मुख्यमंत्री ने जिलावार उत्पादकता में बड़े अंतर पर चिंता जताई. कुछ जिलों में गेहूं की उत्पादकता 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है, जबकि कुछ में यह 30 के आसपास है. इस असंतुलन को दूर करने के लिए तकनीकी सहायता और किसान जागरूकता अभियानों पर जोर दिया गया है. 

पशुपालन: दुग्ध उत्पादन में यूपी देश में नंबर वन है और अंडा उत्पादन में भी सुधार हुआ है. लेकिन सीएम योगी ने केवल कुल उत्पादन पर नहीं, बल्कि प्रति पशु उत्पादकता में सुधार लाने पर जोर दिया है. इसके लिए नस्ल सुधार, बेहतर फीड प्रबंधन और डेयरी व्यवसाय से जुड़े डेटा के नियमित विश्लेषण के निर्देश दिए गए हैं.

ये भी पढ़ें: CM योगी आदित्यनाथ की आर्थिक सलाहकार समूह से मुलाकात: यूपी में रोजगार और हरित ऊर्जा पर बड़ा प्लान!

आईटी निर्यात में 40% की छलांग, पर्यटन भी चमका

यूपी की अर्थव्यवस्था को नई उड़ान देने में सूचना प्रौद्योगिकी (IT) सेवाओं का भी बड़ा हाथ है. एसटीपीआई (Software Technology Parks of India) के माध्यम से 2024-25 में ₹46,800 करोड़ मूल्य की आईटी सेवाओं का निर्यात हुआ है. इस सेक्टर में 2021-22 की तुलना में 40 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि है. मुख्यमंत्री ने इसे युवाओं के लिए रोजगार की अपार संभावनाओं वाला क्षेत्र बताया. पर्यटन, होटल और व्यापार जैसे सेवा क्षेत्रों में भी सकारात्मक संकेत मिले हैं, खासकर कोविड महामारी के बाद पर्यटकों की संख्या में लगातार सुधार दर्ज किया गया है.

राजस्व स्वावलंबन की नई कहानी: जीएसटी और आबकारी से बंपर कमाई

राज्य के खजाने में भी रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य का जीएसटी संग्रह ₹1.49 लाख करोड़ से अधिक रहा, जो पिछले साल से 6.6 प्रतिशत ज्यादा है. आबकारी शुल्क से प्राप्त राजस्व ₹52,574 करोड़ के स्तर तक पहुंच गया है, जिसमें साल-दर-साल लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. मुख्यमंत्री ने इन आंकड़ों को राजस्व स्वावलंबन का प्रमाण बताते हुए कहा कि यह राजस्व वृद्धि सेवा विस्तार और सामाजिक योजनाओं के विस्तार का आधार बनेगी. 

सड़क परिवहन: भविष्य का नया इंजन और रोजगार के अवसर

मुख्यमंत्री ने सड़क परिवहन क्षेत्र को "भविष्य का संभावनाशील क्षेत्र" बताया है. उन्होंने निर्देश दिए कि निजी बस सेवाओं के लिए नए रूट चिन्हित किए जाएं. इससे न केवल आमजन को आवागमन की बेहतर सुविधा मिलेगी, बल्कि राज्य को राजस्व का एक नया स्रोत भी प्राप्त होगा. सीएम ने यह भी कहा कि परिवहन क्षेत्र में रोजगार की भी बड़ी संभावनाएं उत्पन्न होंगी, जिससे हजारों युवाओं को काम मिलेगा.

सटीक आंकड़े और ठोस रोडमैप: विकसित यूपी का आधार

मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान इस बात पर विशेष जोर दिया कि विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले आंकड़े पूरी तरह से प्रामाणिक और अद्यतन होने चाहिए. उन्होंने निर्देश दिए कि कृषि, विनिर्माण, सेवा, ऊर्जा और मानव संसाधन जैसे हर प्रमुख क्षेत्र के लिए स्पष्ट, समयबद्ध और परिणामोन्मुख रोडमैप तैयार किया जाए. नियोजन विभाग के समन्वय से इन रोडमैप की लगातार समीक्षा की जाएगी. सीएम योगी का मानना है कि सही आंकड़े ही सही नीति निर्माण का आधार बनते हैं, और यही उत्तर प्रदेश को विकसित राज्यों की श्रेणी में तेजी से आगे ले जाने में सहायक होंगे.

    follow whatsapp