UP Weather Update: मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों के लिए 1 जून से 2 जून 2025 तक के लिए महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है. इस दौरान प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मेघगर्जन, वज्रपात और 40-50 किमी/घंटा की गति से तेज हवाएं चलने की संभावना है. विभाग ने आम जनजीवन, फसलों और संपत्तियों पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों को लेकर सतर्क किया है और उनसे बचाव के उपाय अपनाने की अपील की है. विशेष रूप से लोगों को घर के अंदर रहने, यात्रा से बचने और बिजली उपकरणों को अनप्लग करने की सलाह दी गई है.
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खराब मौसम की चेतावनी- कई जिलों में मेघगर्जन, वज्रपात और तेज हवाओं की आशंका
मौसम विभाग द्वारा 1 जून, 2025 की सुबह 08:30 बजे से 2 जून, 2025 की सुबह 08:30 बजे तक के लिए जारी रिपोर्ट के अनुसार, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फरुखाबाद, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल और बदायूं समेत आसपास के इलाकों में मेघगर्जन/वज्रपात होने की प्रबल संभावना है. इन क्षेत्रों में 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से झोंकेदार हवाएं भी चल सकती हैं, जिससे दृश्यता में कमी और यातायात में व्यवधान आने की आशंका है.
मौसम विभाग ने इन मौसमी घटनाओं के संभावित प्रभावों को भी रेखांकित किया है. इसके तहत इमारतों, कमजोर संरचनाओं, कच्चे घरों/दीवारों और झोपड़ियों को नुकसान पहुँच सकता है. खिड़कियां टूट सकती हैं और छतें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं. हल्की वस्तुएं उड़ सकती हैं. फसलों को नुकसान पहुंचने की भी संभावना है, खासकर बागान, बागवानी और खड़ी फसलें प्रभावित हो सकती हैं. तेज हवा और वज्रपात से विमान को भी गंभीर नुकसान पहुंच सकता है, विशेषकर यदि हवा की गति 40-60 किमी/घंटा के झोंके के साथ अधिकतम 60 किमी/घंटा से अधिक हो.
इन प्रतिकूल परिस्थितियों से बचाव के लिए विभाग ने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. लोगों को घर के अंदर रहने, खिड़कियां और दरवाजे बंद रखने और संभव हो तो यात्रा करने से बचने की सलाह दी गई है. बिजली और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अनप्लग करने और सुरक्षित आश्रय लेने की बात कही गई है. पेड़ों के नीचे आश्रय न लेने, कंक्रीट के फर्श पर न लेटने और कंक्रीट की दीवारों से न टिकने का परामर्श दिया गया है. इसके अतिरिक्त, जलस्रोतों से तुरंत बाहर निकलने और बिजली का संचालन करने वाली सभी वस्तुओं से दूर रहने की भी चेतावनी दी गई है ताकि जान-माल के नुकसान से बचा जा सके.
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