The Taj Story: 31 अक्टूबर को रिलीज हो रही द ताज स्टोरी में ताजमहल से निकलते दिखाए गए शिवजी, अब परेश रावल ने दी सफाई

मशहूर एक्टर परेश रावल की आगामी फिल्म The Taj Story रिलीज होने से पहले विवादों में है. म्यूजिक कंपनी ने 31 अक्टूबर को रिलीज होने वाली इस फिल्म का एक टीजर पोस्टर जारी किया है. इस पोस्टर में परेश रावल हैं.

Taj Story Poster

यूपी तक

30 Sep 2025 (अपडेटेड: 30 Sep 2025, 08:49 AM)

follow google news

मशहूर एक्टर परेश रावल की आगामी फिल्म The Taj Story रिलीज होने से पहले विवादों में है. म्यूजिक कंपनी ने 31 अक्टूबर को रिलीज होने वाली इस फिल्म का एक टीजर पोस्टर जारी किया है. इस पोस्टर में परेश रावल हैं. एनिमेश के जरिए दिखाया गया है कि परेश रावल ने ताजमहल का मेन गुबंद उठा रखा है और उसमें से हिंदू देवता शिवजी की आकृति निकलती दिख रही है. अब इस टीजर को लेकर सोशल मीडिया पर भारी विवाद छिड़ गया है. दावा किया जा रहा है कि इस फिल्म की पटकथा कथित इतिहासकार कहे जाने वाले पीएन ओक के दावों से मिलती-जुलती दिख रही है. आपको बता दें कि पीएन ओक ने 1989 में दावा किया था कि ताजमहल तेजो महालय नाम का एक हिंदू मंदिर था. हालांकि विवाद होने के बाद परेश रावल ने एक एक्स पोस्ट में सफाई दी है. इस विवाद के दौरान आपको ये भी जानना चाहिए कि तमाम बड़े इतिहासकारों और पुरातत्वविदों ने पीएन ओक के दावे को सिरे से खारिज कर रखा है. मुगल बादशाह शाहजहां का बनवाया हुआ ताजमहल दुनिया का सातवां अजूबा माना जाता है. ये आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) संरक्षित इमारत है. ताजमहल को 1983 में वर्ल्ड हेरिटेज घोषित किया गया था. 

यह भी पढ़ें...

परेश रावल ने क्या सफाई दी? 

परेश रावल ने एक्स पोस्ट में एक डिस्क्लेमर पोस्टर शेयर किया है. इसमें कहा गया है कि मूवी के मेकर्स ने साफ किया है कि न तो यह किसी धार्मिक मामले से संबंधित है और न ही इसका इस दावे से कोई लेना-देना है कि ताजमहल के अंदर शिव मंदिर है. डिस्क्लेमर के मुताबिक फिल्म ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है. इसमें निवेदन किया गया है कि फिल्म को देखने के बाद ही इसको लेकर कोई धारणा बनाएं. ये डिस्क्लेमर पोस्टर स्वर्णिम ग्लोबल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की ओर से जारी बताया गया है. आपको बता दें कि यह फिल्म इसी कंपनी के बैनर तले बनाई गई है. 

परेश रावल की इस एक्स पोस्ट को यहां नीचे देखा जा सकता है. 

क्या है The Taj Story और इसमें कौन-कौन एक्टर हैं?


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक The Taj Story एक कोर्ट रूम ड्रामा है. इसके लेखक और निर्देशक अमरीश गोयल हैं. फिल्म को स्वर्णिम ग्लोबल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले सीए सुरेश झा ने प्रोड्यूस किया है. फिल्म में परेश रावल, ज़ाकिर हुसैन, अमृता खानविलकर, नमित दास और स्नेहा वाघ जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे. अब तक मूवी को लेकर सामने आई जानकारी इशारा कर रही है कि इसका प्लॉट ताज महल के निर्माण से जुड़े विवादित प्रश्नों और ऐतिहासिक तथ्यों को चैलेंज कर रहा है.  


नवंबर 2023 में इसका फर्स्ट-लुक पोस्टर जारी कर इस फिल्म का आधिकारिका ऐलान किया था. इस पोस्टर में भी ताज महल के ऊपर भगवा ध्वज दिखाया गया था और पानी में प्रतिबिंब के रूप में शिवलिंग उभरता देखा जा सकता था. परेश रावल ने 28 मई 2024 को एक्स पर पोस्ट कर इस फिल्म से उनके जुड़े होने की जानकारी साझा की थी. 

फिल्म का ऐलान होते ही विवाद शुरू

इस फिल्म का ऐलान होते ही द ताज स्टोरी सोशल मीडिया पर चर्चा और विवाद का विषय बन गई. इसके पोस्टर्स और टीजर्स देखकर माना गया कि फिल्म की पटकथा का आधार इतिहासकार पी. एन. ओक के दावों से मिलता-जुलता है. 

कौन थे पीएन ओक और उनका दावा क्या था? 

पुरुषोत्म नागेश ओक (पीएन ओक) का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था. वह सेकेंड वर्ल्ड वार के वॉर सोल्जर रहे. बाद में वे हिंदुस्तान टाइम्स और द स्टेट्समैन जैसे अखबारों में रिपोर्टर रहे. पीएन ओक को इतिहासकार के रूप में भी पेश किया जाता है.

ओक ने अपनी किताब ताजमहल: सत्य कथा में दावा किया है कि ताजमहल मूलतः एक शिव मन्दिर या एक राजपूताना महल था. उनके दावों के मुताबिक शाहजहां ने कब्ज़ा करके एक मकबरे में बदल दिया. 

यहां ये जानना जरूरी है कि 2000 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने ओक की याचिका को खारिज कर दिया. इस याचिका में उन्होंने दावा किया था कि ताजमहल का निर्माण एक हिंदू राजा ने किया था. कोर्ट ने तब टिप्पणी की थी कि उनके दिमाग में ताजमहल को लेकर "एक जुनून सवार है". बाद में ओक के दावों के आधार पर बहुतों ने तमाम अदालतों को अप्रोच किया. आखिरकार अगस्त 2017 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने कहा कि ताजमहल में कभी मंदिर होने का कोई सबूत नहीं है. 

अब ताजमहल की असल कहानी भी जान लीजिए

शाहजहां और उनकी बेहम मुमताज के अमर प्रेम का प्रतीक ताजमहल आज भारत में ASI संरक्षित उन इमारतों में टॉप पर है, जहां सबसे अधिक सैलानी आते हैं. दुनिया के कोने-कोने से लोग भारत में मौजूद इस अद्भुत निर्माण को निहारने की कामना लेकर आते रहे हैं. न जाने कितने साहित्य, कविताएं, कहानियां, गजलें, किताबें ताजमहल को लेकर लिखी गईं. इसकी कहानी अद्भुत है. 

ताजमहल को 1632 में मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था. मूल रूप से इसे 'रौ़ज़ा-ए-मुनव्वर्रा' (अद्वितीय इमारत) नाम से जाना जाता था. बाद में शाहजहां ने इसे अपनी गहरी मोहब्बत की निशानी के तौर पर 'ताजमहल' नाम दिया. इतिहासकारों का दावा है कि करीब 40,000 कारीगरों और मजदूरों ने 20 वर्षों तक लगातार काम कर इस इमारत को गढ़ा, जिसे आज दुनिया के सात अजूबों में गिना जाता है. हर प्रेमी युगल के लिए ताजमहल का दीदार करना एक जरूरी कस्टम माना जाता है. 

ताजमहल के बनने की कहानी

मुमताज महल का असली नाम अर्जुमंद बानो बेगम था. शाहजहां के साथ एक सैन्य अभियान पर वह बुरहानपुर (मध्यप्रदेश) में थीं. वहीं, 39 वर्ष की उम्र में 14वें बच्चे के जन्म के दौरान उनका निधन हुआ. शाहजहां इतने शोकाकुल हो गए कि एक सप्ताह कमरे में बंद रहे. मुमताज की पहली कब्र बुरहानपुर में बनी. इसे बाद में आगरा लाकर ताजमहल के केंद्रीय कक्ष में दफन किया गया.  

इतिहासकार मानते हैं कि जिस भूमि पर ताजमहल बना, वह राजा जय सिंह की थी और यहां ऑर्चर्ड मौजूद था. मुस्लिम परंपरा के अनुसार दान की जमीन पर कब्र नहीं बन सकती थी, इसलिए शाहजहां ने बदले में पांच हवेलियां देकर ये ज़मीन ली थी. ताजमहल की डिज़ाइन की ज़िम्मेदारी उस्ताद अहमद लाहौरी और उस्ताद अब्दुल करीम को मिली. इसको बनाने के लिए दूर-दूर से कारीगर बुलाए गए. 39 प्रकार के कीमती पत्थर और करीब 4000 किलो सोना इस्तेमाल हुआ. 

ताजमहल खुद में पूरी संस्कृति की झलक है

ताजमहल मुगल-ईरानी वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है. इसमें कमल के फूल की तस्वीरें और इस्लामी चंद्र-स्तंभ के साथ हिंदू मंगल कलश की मिश्रित सजावट है. 1983 में ताज को वर्ल्ड हेरिटेज घोषित किया गया. अमेरिकी लेखक बेयर्ड टेलर के मुताबिक अगर भारत में कोई और स्मारक न भी हो, तब भी ताजमहल अपनी खूबसूरती से दुनिया को आकर्षित करता रहेगा. 

पहले ताजमहल चौबीसों घंटे खुला रहता था और इसे देखने का कोई शुल्क नहीं था. पर अब यह दुनिया के सबसे अधिक टिकट बिक्री वाले स्मारकों में से एक है.

ये भी पढ़ें: राजा भैया के परिवार में झगड़ा और आगे बढ़ा! राघवी की पुरानी तस्वीरें लेकर आ गया भाई बृजराज

 

    follow whatsapp