जनजातीय समाज के विकास पर सरकार का फोकस! बिरसा मुंडा की जयंती पर सीएम योगी ने कह दी ये बात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में ‘जनजातीय भागीदारी उत्सव’ का शुभारंभ किया जो भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया. कार्यक्रम के दौरान जनजातीय समुदाय के कल्याण, शिक्षा, सांस्कृतिक संरक्षण और विकास योजनाओं पर चर्चा की गई.

यूपी तक

13 Nov 2025 (अपडेटेड: 13 Nov 2025, 07:25 PM)

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकनायक धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर जनजाति भागीदारी उत्सव का लखनऊ में शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की विरासत राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की प्रेरणा देती है. उनका संघर्ष धरती माता को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए किया गया था.

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जनजातीय गौरव पखवाड़ा 

मुख्यमंत्री ने बतया कि देशभर में जनजातीय गौरव पखवाड़ा 1 से 15 नवम्बर तक आयोजित किया जा रहा है. इसका उद्देश्य जनजातीय समदाय को अपनी संस्कृति, परंपरा और विरासत पर गर्व महसूस कराने और उन्हें मुख्यधारा के विकास से जोड़ने का बेहतर मंच उपलब्ध कराना है. इस उत्सव में देश के 22 राज्यों के कलाकार शामिल हैं. इसमें लोकनृत्य, हस्तशिल्प, कला प्रदर्शनी और व्यंजन मेले आयोजित किए गए हैं. जेवनार और देसी स्वाद नाम से विशेष स्टॉल भी लगाए गए हैं.

मुख्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा के लिए कही ये बात 

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने ‘अपना देश, अपना राज’ का नारा देकर भारत की स्वतंत्रता के लिए सघर्ष किया था. केवल 25 साल की उम्र में उन्होंने रांची जेल में अपने जीवन का बलिदान दिया. उनका यह आदर्श आज भी जनजातीय समुदाय और पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है.

सरकार की योजनाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि डबल इंजन सकरार जनजातीय समुदाय के कल्याण और उनकी गौरव की पुनर्स्थापना के लिए संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है. इसके तहत कई महत्वपूर्ण पहलों को लागू किया गया है. प्रदेश में ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ के अंतर्गत 26 जनपदों, 47 ब्लॉकों और 517 ग्रामों को चिन्हित किया गया है जिन्हें विभिन्न विकास योजनाओं से संतृप्त किया जा रहा है. इन ग्रामों में सड़क, पुल और नाली का निर्माण कर इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार पर जोर दिया जा रहा है.

शिक्षा के क्षेत्र में भी विशेष पहल की गई है. पूर्वदशम और दशमोत्तर कक्षा में पढ़ने वाले अनुसूचित जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ दिया जा रहा है. इसके अलावा लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, बहराइच, महराजगंज, श्रावस्ती और बिजनौर में 9 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें 2,026 से अधिक छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. भविष्य में शिक्षा और आवासीय सुविधा को और मजबूत करने हेतु विभिन्न जिलों में नए छात्रावासों का निर्माण भी चल रहा है.

वनाधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत प्रदेश के 13 जनपदों में 23,430 परंपरागत वनवासियों को भू-अधिकार पत्र प्रदान किए जा चुके हैं. इसके माध्यम से वनवासियों को उनके अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित किया गया है. 

पीएम जनमन योजना के तहत बुक्सा जनजाति के 815 परिवारों को आवास, विद्युतीकरण, स्वच्छ जलापूर्ति, मोबाइल मेडिकल यूनिट, आंगनवाड़ी केंद्र और मोबाइल टावर जैसी सुविधाओं से जोड़ा गया है. इसके अलावा, सभी पात्र जनजातीय परिवारों को आधार कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, उज्ज्वला योजना, राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी सुनिश्चित किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अब सरकारी भर्ती में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सभी पदों को भरने का काम पूरा किया जा रहा है. हाल ही में 60,244 पदों के लिए निकली पुलिस भर्ती में सभी आरक्षित पदों पर युवाओं का चयन हुआ जो यह दर्शाता है कि शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में जनजातीय समुदाय की भागीदारी लगातार बढ़ रही है. 

सांस्कृतिक प्रदर्शन और भागीदारी

उत्सव में जनजातीय कलाकारों ने लोकनृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी कला और परंपरा का प्रदर्शन किया. इस अवसर पर अरुणाचल प्रदेश को पार्टनर स्टेट के रूप में शामिल किया गया. इसके अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से भी कलाकारों ने भाग लिया. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह आयोजन केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम नहीं है, बल्कि भारत की एकता में विविधता का उत्सव है.

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 2025 भारत के लिए एक विशेष और ऐतिहासिक वर्ष है. इस साल लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल और समाज सुधारक भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाई जा रही है. साथ ही, ‘वन्दे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधान के अमृत वर्ष में प्रवेश का वर्ष भी है. यह साल न केवल हमारे इतिहास और संस्कृति को याद करने का अवसर है, बल्कि राष्ट्रीय गौरव और सामाजिक चेतना को भी उजागर करता है.

मुख्यमंत्री ने अंत में कही ये बात 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समाज को पूर्ण विकास योजनाओं, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पेयजल, पेंशन, राशन कार्ड आदि सुविधाओं से जोड़ने का काम कर रही है. इसके साथ ही युवाओं और छात्रों को शिक्षा, रोजगार और कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर उनकी भागीदारी बढ़ाई जा रही है.

इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण, यूपी अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

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