UP News: प्रयागराज महाकुंभ में बीते बुधवार रात क्या हुआ? इसको लेकर फिलहाल जबरदस्त हंगामा मचा हुआ है. बुधवार सुबह तड़के 2 बजे महाकुंभ में भगदड़ मची. 16 घंटे बाद सरकार ने बताया कि इसमें 30 लोगों की मौत हुई तो 60 लोग घायल हुए. मगर कुछ ही देर के बाद ये भी सामने आने लगा कि बुधवार तड़के 2 बजे मची भगदड़ महाकुंभ में मची अकेली भगदड़ की घटना नहीं थी.
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दरअसल प्रयागराज के झूंसी में भी बुधवार सुबह के समय भगदड़ की खबर आने लगी. चश्मदीदों ने दावा किया कि यहां भगदड़ में कई लोगों की मौत हुई. मगर प्रशासन-पुलिस की तरफ से मदद के लिए कोई नहीं आया. इसके वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल होने लगे. हमारे सहयोगी The Lallantop के कैमरे ने मौके पर जाकर काफी कुछ रिकॉर्ड किया और चश्मदीदों से बात की. मगर महाकुंभ मेला डीआईजी वैभव कृष्ण ने कह दिया कि पुलिस-प्रशासन के पास झूंसी में मची भगदड़ की खबर नहीं है. मामले की जांच करवाई जाएगी.
अब मौतों के आंकड़ों को लेकर कटघरे में योगी सरकार
विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है कि महाकुंभ में मची भगदड़ की त्रासदी को योगी सरकार ने छुपाया है. विपक्ष का आरोप है कि योगी सरकार ने मृतकों का आंकड़ा भी छुपाया है. दरअसल प्रशासन ने भगदड़ की जिस एक घटना को ही अभी तक माना है, उसमें कहा है कि बुधवार रात 2 बजे मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से 5 शवों की पहचान नहीं हो पाई. मगर अब इस भगदड़ में मारे गए लोगों के आंकड़ों पर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं.
मुर्दाघर में लगाई गईं 24 शवों की तस्वीर
दरअसल प्रयागराज के मुर्दाघर के बाहर दीवार पर प्रशासन ने 24 शवों की फोटो चिपकाई है. ये सभी फोटो उन लोगों की हैं, जिनके शवों की पहचान नहीं हो पाई है. अब सवाल उठता है कि जब प्रशासन ने खुद माना है कि भगदड़ में मारे गए 5 लोगों के शवों की पहचान नहीं हो पाई है तो प्रयागराज पोस्टमॉर्टम हाउस की दीवार पर 24 शवों की तस्वीर कैसे लगी है? आखिर ये लोग कौन हैं?
प्रशासन की तरफ से अभी तक ये साफ नहीं किया गया है कि आखिर ये 24 लोग कौन हैं? जब 5 लोगों के शव की शिनाख्त ही बाकी थी तो ये 24 लोगों के शव की फोटो यहां शिनाख्त के लिए क्यों लगाई गई है? बता दें कि प्रशासन ने कहा था कि भगदड़ में 30 लोग ही मारे गए थे, जिनमें से सिर्फ 5 लोगों के शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी.
हजारों लोग अपनों को खोज रहे
बता दें कि महाकुंभ में 10 खोया-पाया केंद्र बने हुए हैं. यहां लोगों की भारी भीड़ लगी हुई है. जो लोग अपनों से बिछड़ गए हैं और जो लोग अपनों को खोजते हुए यहां आ रहे हैं, वह खोया-पाया केंद्र ही जा रहे हैं. भगदड़ के बाद से ऐसे कई लोग हैं, जो अपनों की तलाश में महाकुंभ मेले में भटक रहे हैं. यहां तक की कुछ लोग पोस्टमॉर्टम हाउस तक में जाकर मृतकों की फोटो में अपनों को खोज रहे हैं.
फिलहाल महाकुंभ के प्रबंधन को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बड़े सवालों के घेरे में हैं. विपक्ष के आरोप हैं कि योगी सरकार महाकुंभ में मची भगदड़ का सच छुपा रही है और सिर्फ आधा सच ही बता रही है.
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