उत्तर प्रदेश की पहचान बन चुकी एक जनपद एक उत्पाद योजना (ODOP) अब अपने अगले चरण ODOP-2.0 के माध्यम से स्थानीय उद्योग, स्वरोजगार और निर्यात को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक में ओडीओपी-2.0 की समीक्षा करते हुए इस योजना को और अधिक व्यापक, व्यावसायिक और परिणामोन्मुखी स्वरूप में आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. सीएम योगी का स्पष्ट लक्ष्य है कि प्रदेश के पारंपरिक उत्पाद बड़े बाजार, निर्यात और स्थायी रोजगार का मजबूत आधार बनें.
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ओडीओपी के साथ अब एक जनपद-एक व्यंजन (ODOC)
स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने के प्रयासों के तहत सीएम ने अब एक जनपद-एक व्यंजन (ODOC) की अवधारणा को साकार करने की जरूरत पर जोर दिया है. सीएम योगी ने कहा कि हर जिले की विशिष्ट खाद्य परंपरा को एक संगठित पहचान मिलनी चाहिए. उन्होंने उदाहरण दिया कि कहीं का हलवा अच्छा है तो कहीं की दालमोठ. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर जनपद के विशेष व्यंजनों की मैपिंग की जाए और उनकी गुणवत्ता, स्वच्छता, पैकेजिंग, ब्राण्डिग और विपणन को मजबूत किया जाए.
पहले चरण की सफलता, निर्यात में 50% से अधिक योगदान
सीएम योगी को बताया गया कि साल 2018 में शुरू हुई ओडीओपी योजना उत्तर प्रदेश के स्थानीय उद्योगों की रीढ़ बन चुकी है. पहले चरण में योजना ने शानदार सफलता दर्ज की है. इसके तहत अब तक 1.25 लाख से अधिक टूलकिट बांटे किए गए हैं और 6000 करोड़ रुपये से अधिक का लोन दिया जा चुका है. इसके अलावा 8000 से अधिक उद्यमियों को प्रत्यक्ष विपणन सहायता (Direct Marketing Support) दी गई है. ओडीओपी उत्पाद अब प्रतिष्ठित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं और राज्य के कुल निर्यात में इनका योगदान 50 प्रतिशत से अधिक हो चुका है. योजना की सफलता को देखते हुए ओडीओपी को लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है. बुनियादी ढांचे की बात करें तो, 30 साझा सुविधा केंद्र (CFC) स्वीकृत किए गए हैं, और 44 ओडीओपी उत्पादों को जियो टैग प्राप्त हो चुके हैं.
ओडीओपी-2.0 की चार सूत्रीय रणनीति
सीएम योगी ने ODOP-2.0 को केवल एक योजना नहीं बल्कि स्थायी रोजगार और निर्यात को नई ऊंचाई देने का सशक्त माध्यम बनाने पर बल दिया. इसके लिए उन्होंने चार प्रमुख मोर्चों पर काम करने के निर्देश दिए हैं.
1- पहला मोर्चा है तकनीकी और गुणवत्ता उन्नयन. मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक, पैकेजिंग, गुणवत्ता और बाज़ार सहित चारों मोर्चों पर उत्तर प्रदेश के उत्पादों को सशक्त रूप में स्थापित किया जाए. ओडीओपी उत्पादों की गुणवत्ता और पहचान को सुदृढ़ करने के लिए उन्हें प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग से प्रमाणन और ब्रांड मूल्य प्रदान किया जाएगा, जिससे वैश्विक बाजार में विशिष्ट पहचान बन सके.
2- दूसरा मोर्चा है कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC) में विशेषज्ञ भागीदारी. ओडीओपी से जुड़े कॉमन फैसिलिटी सेंटरों को अब और अधिक उपयोगी बनाया जाएगा. इन सेंटरों में विशेषज्ञों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए, ताकि छोटे उद्यमियों को तकनीकी परामर्श, डिजाइन, पैकेजिंग और उत्पादन से जुड़ा हर सहयोग एक ही स्थान पर आसानी से मिल सके.
3- तीसरा मोर्चा है रीटेल और आधुनिक बाजार से जुड़ाव. ओडीओपी उत्पादों को केवल पारंपरिक बाजारों तक सीमित न रखा जाए, बल्कि उन्हें बड़े रीटेल नेटवर्क और आधुनिक बाजारों से जोड़ा जाए. देश के विभिन्न राज्यों में स्थापित हो रहे यूनिटी मॉल में ओडीओपी योजना को समर्पित केंद्र बनाए जाएं. प्रतिष्ठित रीटेल नेटवर्क के साथ संवाद कर उत्पादों को प्रमुखता से प्रदर्शित कराया जाए.
चौथा मोर्चा है उत्कृष्ट उद्यमियों को प्रोत्साहन. उन इकाइयों और उद्यमियों को आगे बढ़ाने पर अधिक ध्यान दिया जाएगा, जिन्होंने पहले चरण में उत्कृष्ट कार्य किया है, ताकि वे अपने व्यवसाय का और अधिक विस्तार कर सकें.
यह सुनिश्चित किया गया है कि ODOP-2.0 बदलते वैश्विक बाज़ार, आधुनिक मांग और तकनीकी उन्नयन की नई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
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