अब हनुमानगढ़ी के महंत ने स्वामी मौर्य का सिर कलम करने वाले को 21 लाख देने का कर दिया ऐलान

बनबीर सिंह

29 Jan 2023 (अपडेटेड: 14 Feb 2023, 08:56 AM)

पहले रामचरितमानस पर टिप्पणी और बाद में ब्राह्मणों और संतों महंतों पर ‘विवादित’ बयान देकर चर्चा में आए सपा नेता और MLC स्वामी प्रसाद मौर्य…

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पहले रामचरितमानस पर टिप्पणी और बाद में ब्राह्मणों और संतों महंतों पर ‘विवादित’ बयान देकर चर्चा में आए सपा नेता और MLC स्वामी प्रसाद मौर्य को समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया गया है. इसको लेकर अब सपा चीफ अखिलेश यादव भी संतों-महंतों के निशाने पर आ गए हैं.

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अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने स्वामी मौर्य के बयान को ब्राह्मणों और साधु-संतों का अपमान बताया है.

महंत राजू दास ने कहा कि स्वामी मौर्य ने ब्राह्मणों और संतों-महंतों को कुत्ता कहा है. इसी को लेकर उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर ‘विवादित’ बयान दे डाला है. कहा कि जो स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर कलम करेगा उसे राजू दास 21 लाख रुपये का इनाम देंगे.

बता दें कि इससे पहले तपस्वी छावनी के जगत गुरु परमहंस आचार्य ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर काटने पर ₹500, जीभ काटने पर ₹300 और नाक-कान काटने पर ₹200 के इनाम देने का विवादित ऐलान किया था.

महंत राजू दास ने सपा चीफ से सवाल पूछा कि आपने स्वामी प्रसाद मौर्य का डिमोशन करने के बजाए प्रमोशन कर दिया, इसका मतलब आपका पूरा प्रश्रय है. आपने स्वामी प्रसाद मौर्य पर कार्यवाही नहीं की, आपने महासचिव बना दिया. इस के नाते साधु-संतों में रोष है.

वहीं, लखनऊ में ओबीसी मोर्चा द्वारा रामचरितमानस की प्रतियां जलाए जलाने की घटना पर महंत राजू दास ने कहा कि यह स्वामी प्रसाद मौर्य की देन है.

महंत राजू दास ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह भी कहा था कि हाथी चले बाजार कुत्ते भौंके हजार…साधु-संतों और ब्राह्मणों को उसने कुत्ता कह दिया. इसके नाते हम अपील करते हैं और उनके ऊपर 21 लाख रुपये का इनाम घोषित करते हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य का जो सिर कलम करेगा उसे राजू दास 21 लाख रुपये का इनाम देंगे. इसके साथ ही हम सरकार से मांग करते हैं कि उत्तर प्रदेश में जिसने रामचरितमानस की प्रतियां जलाई हैं उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई करें, नहीं तो हिंदू जनमानस कार्रवाई करेगा.

गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले रविवार को एक बयान में श्रीरामचरित मानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए इसे महिलाओं तथा पिछड़ों के प्रति अपमानजक करार दिया था और इस पर पाबंदी लगाने की मांग की थी. उनके इस बयान से खासा विवाद उत्पन्न हो गया है. संत समाज और हिंदूवादी संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया. मामले में मौर्य के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है.

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