Mukhyamantri Kanya Sumangla Yojana: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही 'मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना' बेटियों के भविष्य को सुरक्षित और उज्ज्वल बनाने की एक महत्वाकांक्षी पहल है. इस योजना के तहत बालिकाओं को उनके जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक विभिन्न चरणों में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. यह योजना 6 अलग-अलग श्रेणियों में लागू की गई है, जिसमें कुल मिलाकर 25000 रुपये तक की धनराशि सीधे लाभार्थियों को मिलती है. इसका उद्देश्य लैंगिक समानता को बढ़ावा देना, बाल विवाह को रोकना और बालिकाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है.
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जानें 6 श्रेणियों में कैसे मिलेगा लाभ और पात्रता के नियम
उत्तर प्रदेश सरकार ने बालिकाओं के समग्र विकास और सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना शुरू की है. यह योजना छह श्रेणियों में लागू की गई है, जिसके तहत बालिकाओं को विभिन्न चरणों में वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है.
योजना की श्रेणियां और लाभ-
पहली श्रेणी: उन नवजात बालिकाओं को 5000 रुपये की एकमुश्त धनराशि मिलेगी, जिनका जन्म 01/04/2019 या उसके बाद हुआ हो.
दूसरी श्रेणी: ऐसी बालिकाएं शामिल होंगी जिनका एक वर्ष के भीतर संपूर्ण टीकाकरण हो चुका हो और उनका जन्म 01/04/2018 से पहले न हुआ हो, उन्हें 2000 रुपये की एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जाएगा.
तीसरी श्रेणी: उन बालिकाओं को 3000 रुपये की एकमुश्त धनराशि दी जाएगी, जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान पहली कक्षा में प्रवेश लिया हो.
चौथी श्रेणी: वे बालिकाएं शामिल होंगी जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान छठी कक्षा में प्रवेश लिया हो, उन्हें 3000 रुपये की एकमुश्त धनराशि मिलेगी.
पांचवी श्रेणी: उन बालिकाओं को 5000 रुपये की एकमुश्त धनराशि प्रदान की जाएगी, जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान नौवीं कक्षा में प्रवेश लिया हो.
छठी श्रेणी: उन सभी बालिकाओं को 7000 रुपये की एकमुश्त धनराशि मिलेगी, जिन्होंने 10वीं/12वीं कक्षा उत्तीर्ण करके चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान स्नातक-डिग्री या कम से कम दो वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश लिया हो.
लाभार्थी के लिए पात्रता के ये हैं मानदंड-
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थी परिवार को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा:
- लाभार्थी का परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए और उसके पास स्थायी निवास प्रमाण पत्र होना चाहिए. इसके लिए राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर पहचान पत्र, विद्युत बिल या टेलीफोन बिल मान्य होंगे.
- लाभार्थी की पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम 3 रुपये लाख होनी चाहिए.
- किसी परिवार की अधिकतम दो ही बच्चियों को योजना का लाभ मिल सकेगा.
- परिवार में अधिकतम दो बच्चे होने चाहिए.
- अगर किसी महिला को द्वितीय प्रसव से जुड़वा बच्चे होते हैं, तो तीसरी संतान के रूप में लड़की को भी लाभ अनुमन्य होगा.
- अगर किसी महिला को पहले प्रसव से एक बालिका है और द्वितीय प्रसव से दो जुड़वा बालिकाएं ही होती हैं, तो केवल ऐसी स्थिति में ही तीनों बालिकाओं को लाभ अनुमन्य होगा.
- अगर किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद लिया है, तो परिवार की जैविक संतानों और विधिक रूप से गोद ली गई संतानों को मिलाकर अधिकतम दो बालिकाएं इस योजना की लाभार्थी होंगी.
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