UP News: उत्तर प्रदेश के इटावा में यादव कथा वाचकों के साथ हुई मारपीट की घटना ने अब यादव बनाम ब्राह्मण टकराव का रूप ले लिया है. दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए हैं. इसी बीच बिहार से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस विवाद की वजह से पैदा हुई जातिगत नफरत कितनी बढ़ रही है और इस विवाद का समाज में कितना असर देखने को मिल रहा है.
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दरअसल इटावा कांड का असर बिहार तक पहुंच गया है. बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के टिकुलिया गांव में ब्राह्मणों के बहिष्कार के बोर्ड लगाए गए हैं. इन बोर्डों में साफ लिखा गया है कि इस गांव में ब्राह्मणों द्वारा पूजा-पाठ करवाना सख्त मना है. जो भी ब्राह्मण यहां पूजा-पाठ करवाने आएगा, उसे सख्त से सख्त सजा दी जाएगी. बता दें कि गांव में कई जगह इस तरह के पोस्टर, बैनर लगे हुए हैं, जो अब सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बने हुए हैं.
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गांव के लोगों ने क्या बताया?
गांव में लगे ब्राह्मणों के बहिष्कार के बैनर के पीछे की कहानी जानने के लिए हमारे सहयोगी Bihar Tak की टीम टिकुलिया गांव में पहुंची. यहां रहने वाले जनाधन अनमोल यादव से बात की. उन्होंने इन बोर्ड और बैनर को लेकर बताया कि ये बोर्ड गांव के युवाओं ने आपसी सहमति से लगवाए हैं.
जनाधन अनमोल यादव ने बताया, इटावा की घटना को लेकर हमने ये बोर्ड लगवाया है. इटावा में यादव कथा वाचक के साथ किस तरह की अमानवीय घटना हुई है. हम यादव है. दूध बेचना हमारा धर्म नहीं धंधा है.
अब इनसे पूजा-पाठ करवाएंगे
जनाधन अनमोल यादव ने आगे कहा, ऐसा ही ब्राह्मणों का धंधा पूजा-पाठ करना है. ऐसे में अब हम उसी से पूजा करवाएंगे जिसको वेदों का ज्ञान हो, जो मांस-मछली नहीं खाता हो और उसे रामायण-महाभारत का पूरा ज्ञान हो. जनाधन अनमोल यादव ने साफ कहा कि चाहे वह किसी भी जाति से हो, अब हम उसी से पूजा करवाएंगे जिसे गीता का ज्ञान हो.
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इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि ब्राह्मणों से गांव में अगर किसी को पूजा करवानी है तो वह आजाद है. मगर हम लोग इसका विरोध करेंगे. जाति से कोई भी हो, जिसे वेदों, पुराणों का ज्ञान होगा, हम उसी से पूजा-पाठ करवाएंगे.
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