UP News: उत्तर प्रदेश में काली सरसों की खेती मुख्य रूप से रबी मौसम में की जाती है, जिसकी बुवाई अक्टूबर-नवंबर में शुरू होती है और फसल फरवरी-मार्च तक तैयार हो जाती है. विशेषज्ञों के अनुसार, एक एकड़ में काली सरसों की खेती का औसत खर्च लगभग 4,000 से 5,000 रुपये आता है. इसमें बीज, खाद, सिंचाई और मजदूरी जैसे खर्च शामिल हैं. 5 एकड़ के लिए कुल लागत करीब 20,000 से 25,000 रुपये तक हो सकती है.
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उत्पादन की बात करें तो एक एकड़ में काली सरसों की औसत पैदावार 12 से 15 क्विंटल तक होती है. यदि मौसम और खेती की तकनीक अनुकूल रही तो यह 18 क्विंटल तक भी जा सकती है। इस तरह 5 एकड़ में 60 से 75 क्विंटल तक सरसों का उत्पादन संभव है.
बाजार भाव और आय का ये है अनुमान
मार्च 2025 तक उत्तर प्रदेश की मंडियों में काली सरसों का औसत भाव 5,800 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास चल रहा है. कुछ मंडियों जैसे कानपुर और अलीगढ़ में यह 6,050 रुपये तक भी पहुंचा है. वहीं, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2024-25 के लिए 5,650 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो किसानों को न्यूनतम आय की गारंटी देता है.
अब अगर 5 एकड़ में 60 क्विंटल सरसों का उत्पादन हुआ और इसे औसतन 5,900 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचा जाए, तो कुल आय होगी:
60 क्विंटल × 5,900 रुपये = 3,54,000 रुपये
लागत (25,000 रुपये) घटाने के बाद शुद्ध मुनाफा होगा:
3,54,000 - 25,000 = 3,29,000 रुपये
यदि पैदावार 75 क्विंटल हुई और भाव 6,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा, तो आय होगी:
75 क्विंटल × 6,000 रुपये = 4,50,000 रुपये
शुद्ध मुनाफा: 4,50,000 - 25,000 = 4,25,000 रुपये
इस तरह, 5 एकड़ जमीन पर काली सरसों की खेती से आप 3.29 लाख से 4.25 लाख रुपये तक कमा सकते हैं.
क्यों है काली सरसों फायदेमंद?
काली सरसों की मांग इसके तेल और मसाले के रूप में उपयोग के कारण हमेशा बनी रहती है. उत्तर प्रदेश में इसके तेल की खपत मध्यम और निम्न-मध्यम वर्ग के परिवारों में ज्यादा है. साथ ही, इसकी खेती में पानी की कम जरूरत और आसान देखभाल इसे किसानों के लिए आकर्षक बनाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि उन्नत किस्मों जैसे पूसा सरसों 30 या आरएच 1424 का उपयोग करके पैदावार और तेल की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है.
क्या हैं चुनौतियां
हालांकि, अच्छी कमाई के लिए कुछ सावधानियां जरूरी हैं. कीटों और रोगों से बचाव, सही समय पर सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण पर ध्यान देना चाहिए. किसानों को मंडी भाव की ताजा जानकारी रखनी चाहिए ताकि फसल को सही दाम पर बेचा जा सके.
ऐसा कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में 5 एकड़ जमीन पर काली सरसों की खेती न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी है, बल्कि यह किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का एक शानदार जरिया भी है. सही योजना और मेहनत के साथ आप इस फसल से 3 से 4 लाख रुपये तक की शुद्ध आय हासिल कर सकते हैं.
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