गोरखपुर: सीएम योगी ने कहा- आधुनिक तकनीक से लागत कम और उत्पादकता को बढ़ा सकते हैं किसान

गजेंद्र त्रिपाठी

14 Nov 2022 (अपडेटेड: 14 Feb 2023, 08:58 AM)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सोमवार को गोरखपुर में मंडलीय रबी उत्पादकता समीक्षा गोष्ठी 2022 का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्‍होंने…

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सोमवार को गोरखपुर में मंडलीय रबी उत्पादकता समीक्षा गोष्ठी 2022 का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्‍होंने गोरखपुर, बस्ती, देवीपाटन और आजमगढ़ मंडल के किसानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.

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उन्होंने कहा कि रबी उत्पादकता के लिए आयोजित मंडलीय गोष्ठी में आए किसानों का हार्दिक स्वागत अभिनंदन करता हूं. प्रगतिशील किसानों के सुझाव को सुना होगा. बहुत सारे किसान अपने अनुभव रखते होंगे और साझा करते होंगे. यूपी आबादी में सबसे बड़ा राज्य होने के साथ उर्वरा भूमि और जल संसाधन में अव्वल है. 20 फीसदी उत्पादन यूपी करता है. इसे हम बढ़ा सकते हैं. बीज और तकनीकी का इस्तेमाल कर हम इसे बढ़ा सकते हैं. रबी की फसल का बहुत महत्व है.

सीएम योगी ने कहा कि समय पर बीज, पानी देकर तकनीक के माध्यम से हम अपनी उत्पादकता बढ़ा सकते हैं. हर जनपद में नलकूप स्थापना के लिए योजना और कुसुम योजना के तहत पीएम कुसुम योजना से पानी खेत में सोलर के माध्यम से पहुंचा रहे हैं.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ढाई साल से कोरोना जैसी महामारी से दुनिया पस्त हो गई है. लेकिन कृषि ऐसा क्षेत्र था कि किसान ने हमें निराश नहीं किया. किसान गरीब कल्याण योजना के तहत पीएम मोदी ने निशुल्क गरीबों को राशन दिया. 15 करोड़ लोगों को महीने में 2 बार निशुल्क राशन उपलब्ध कराया गया. हम गन्ना किसानों को भुगतान करने में सफल हुए.

उन्होंने कहा कि 1 करोड़ 78 लाख मीट्रिक टन धान क्रय करने में सफलता के साथ हुआ है. सरकार किसान का धान क्रय कर न्यूनतम समर्थन मूल्य उनके खाते में डालेगी. हमें उत्पादकता की ओर जाना होगा.

सीएम योगी ने कहा कि पहली बार देश में ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ से किसानों को जोड़ने का कार्य हुआ.’प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ के माध्यम से अकेले उत्तर प्रदेश में विगत 05 वर्ष में 21 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा प्रदान की गई.

उन्होंने कहा कि खेती में तकनीक आज की आवश्यकता है. इसमें दो प्रकार होते हैं. एक तकनीक जो परंपरागत रूप से कृषि वैज्ञानिकों की ओर से दी जाती है और दूसरी है प्राकृतिक खेती. प्राकृतिक खेती एक प्रकार की ‘जीरो बजट’ गो आधारित खेती है.इसके अच्छे परिणाम हम सबके सामने आ रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत साढ़े 5 वर्ष में ₹1.80 लाख करोड़ का गन्ना मूल्य का भुगतान गन्ना किसानों के खातों में यूपी सरकार कराने में सफल रही. जानकारी और अनुभव को साझा करने एवं आधुनिक व अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए हम लागत को कम करने व उत्पादकता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है.

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