CO अनुज चौधरी के खिलाफ पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने 33 पन्नों में दर्ज कराया बयान, आखिर मामला क्या है?

UP News: संभल के पूर्व सीओ अनुज चौधरी के खिलाफ पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर संभल के एडिशनल एसपी कार्यालय पर अपने बयान दर्ज कराने के लिए पहुंचे.

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अभिनव माथुर

• 03:50 PM • 05 May 2025

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UP News:  संभल के पूर्व सीओ अनुज चौधरी लगातार चर्चाओं में बने हुए हैं. अब उनका ट्रांसफर संभल के ही चंदौसी में कर दिया गया है. इसी बीच पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर भी अनुज चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. दरअसल अपने ‘1 बार होली-52 बार जुम्मा वाले बयान और हाथ में गदा लेकर चलने को लेकर’ अनुज चौधरी के खिलाफ जांच हुई थी. जांच में उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी. मगर पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की आपत्ति के बाद एक बार फिर अनुज चौधरी के खिलाफ जांच शुरू हो गई है.
आपको ये भी बता दें कि आजाद अधिकार सेना के अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की ही शिकायत पर अनुज चौधरी के खिलाफ जांच बैठी थी. अब उन्होंने क्लीच चिट पर आपत्ति दर्ज करवा दी है और एक बार फिर संभल के पूर्व सीओ के ऊपर जांच बैठ गई है.

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संभल पहुंचे अमिताभ ठाकुर

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर संभल के एडिशनल एसपी कार्यालय पर अपने बयान दर्ज कराने के लिए पहुंचे. मगर इस दौरान वह खुद नियमों और कानून का उल्लंघन करते हुए नजर आए. दरअसल जिस गाड़ी से वह अपने बयान दर्ज कराने एएसपी कार्यालय पर पहुंचे, उस गाड़ी के फ्लेक्सी बोर्ड में उनका वर्दी वाला फोटो लगा हुआ था. जब उनसे इसको लेकर सवाल किया गया को उन्होंने अपनी गलती भी मानी.

आपको बता दें कि 29 अप्रैल को एडिशनल एसपी संभल श्रीशचंद्र द्वारा पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को अपने बयान दर्ज कराने और साक्ष्य प्रस्तुत करने को लेकर नोटिस जारी किया गया था. इसी को लेकर वह साक्ष्य लेकर और अपना बयान दर्ज करवाने को लेकर एसपी ऑफिस पहुंचे थे.

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33 पेजों का बयान दर्ज कराया 

इस पूरे मामले को लेकर आजाद अधिकार सेना के अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कहा, मैंने डिप्टी एसपी अनुज चौधरी की शिकायत की थी. एडिशनल एसपी संभल द्वारा 3 दिन में बयान दर्ज करने के लिए कहा गया था. मैंने 33 पन्नों का बयान दर्ज करवा दिया है. 

उन्होंने आगे कहा, 6 बिंदुओं पर आरोप लगाए गए हैं और 18 संलग्नक दिए गए हैं. आरोपों में, शासनादेश के अनुसार मीडिया से संवाद करने का उल्लंघन किया जाना, उत्तर प्रदेश पुलिस की सोशल मीडिया गाइडलाइंस का उल्लंघन किया जाना, उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा आचरण नियमावली का उल्लंघन किया जाना, अपने बयानों से समाज में भेद पैदा करना और डीजीपी का 2014 के सर्कुलर का उल्लंघन किया जाना शामिल है. सबूत भी दे दिए गए हैं.

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