QS एशिया रैंकिंग में यूपी की ये यूनिवर्सिटी हुईं शामिल, लखनऊ विश्वविद्यालय समेत बाकियों को मिली ये रैंक

QS Asia University Rankings 2025 में यूपी के कई विश्वविद्यालयों को जगह मिली है. लखनऊ विश्वविद्यालय को एशिया में 781-790 और साउथ एशिया में 244 वें स्थान पर रखा गया है.

Lucknow University

यूपी तक

05 Nov 2025 (अपडेटेड: 05 Nov 2025, 11:57 AM)

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उत्तर प्रदेश की कई विश्वविद्यालयों को प्रतिष्ठित QS Asia University Rankings 2025 में स्थान मिलने पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बधाई दी है. राज्य विश्वविद्यालयों की चांसलर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस उपलब्धि का क्रेडिट विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक उत्कृष्टता और रिसर्च को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को दिया है. 

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यूपी की इन विश्वविधालयों रैंकिंग में मिली जगह 

  • लखनऊ विश्वविद्यालय को एशिया में 781-790 और साउथ एशिया में 244 वें स्थान पर रखा गया है.
  • चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ और बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ को एशिया में 801-850 और दक्षिण एशिया में 254 वें रैंक मिले हैं.
  • बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी, महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली और छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर को एशिया में 901-950 और दक्षिण एशिया में 297 वें स्थान मिले.
  • दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर को एशिया में 1001-1100 और दक्षिण एशिया में 330 वें स्थान मिला.
  • वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर को एशिया में 1201-1300 और दक्षिण एशिया में 397 वें स्थान पर रखा गया है.

QS रैंकिंग प्रणाली के बारे में जानिए

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक QS प्रणाली विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन कई ग्लोबल इंडिकेटर्स पर करती है. इनमें पीएचडी योग्य स्टाफ, अंतरराष्ट्रीय शोध नेटवर्क, फैकल्टी-छात्र अनुपात, नियोक्ता और अकादमिक प्रतिष्ठा के साथ अंतरराष्ट्रीय छात्र तथा शिक्षक की उपस्थिति शामिल हैं. ये इंडिकेटर्स विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाते हैं.

यूपी के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने विश्वविद्यालयों के संकाय, शोधकर्ताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और छात्रों को बधाई दी और इस सफलता के पीछे सीएम योगी आदित्यनाथ के उच्च शिक्षा के स्तर और शोध उत्कृष्टता पर फोकस को मुख्य कारण बताया. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020, डिजिटल लर्निंग पहल, उद्योग-अकादमिक साझेदारी और शोध प्रोत्साहन योजनाओं ने इस सफलता में निर्णायक भूमिका निभाई है.

योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालय अब मजबूत वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं. संस्थागत सुधारों और इनोवेशन से प्रेरित होकर सीखने की लगातार कोशिशों से ऐसा नतीजा आया है. यह रैंकिंग यूपी की शिक्षा, शोध और इनोवेशन में बढ़ती ताकत का वैश्विक सबूत है.

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