इटावा जनपद के जसवंतनगर तहसील के सिंघावली गांव में रमेश सिंह नागर के परिवार में बेटी गुड़िया की शादी की तैयारियां चल रही थीं. परिवार में खुशी का माहौल था. रिश्तेदारों का आना, बारात की स्वागत की तैयारियां, सभी एक साथ हो रही थीं. शाम को आगरा जनपद से बारात आनी थी. दुल्हन गुड़िया हाथों में मेहंदी लगाए शादी के माहौल में थी. उसने अपने चचेरे भाई अंकुर (उम्र 16 वर्ष) को बाजार सामान लाने के लिए भेजा, लेकिन उसे पता नहीं था कि अंकुर आखिरी बार घर से निकलने वाला है.
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अंकुर बाइक से बहन के लिए सामान लेने जा रहा था, तभी रास्ते में आवारा घूम रहे गोवंश से बाइक टकरा गई. दुर्घटना होने के बाद घायल अंकुर को अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. घर में शादी की खुशियों के बीच मातम छा गया. आनन-फानन में मृत भाई अंकुर को परिवार के लोगों ने कंधा दिया.
अंकुर की अर्थी उठी तो उधर बहन के लिए दूल्हा-बाराती आ गए. गम के माहौल में अंकुर का अंतिम संस्कार किया गया और दूसरी ओर उसकी बहन गुड़िया की विदाई की गई. गांव के हर परिवार और बाराती की आंखों में आंसू छलक उठे. शादी की खुशियां मातम में बदल चुकी थीं. विदा होकर पहुंची गुड़िया शादी के दिन ही मिले इस गम को शायद जीवन भर भुला नहीं पाएगी.
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