CM योगी के निर्देश का असर, कृष्ण जन्मभूमि से हटे लाउडस्पीकर-गोरखनाथ मंदिर में आवाज हुई कम

मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर से लाउडस्पीकर हटा लिया गया, जबकि गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर परिसर के लाउडस्पीकर की आवाज धीमी कर दी गई…

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मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर से लाउडस्पीकर हटा लिया गया, जबकि गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर परिसर के लाउडस्पीकर की आवाज धीमी कर दी गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के मद्देनजर दोनों धार्मिक स्थलों पर यह पहल किया गया.

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गौरतलब है कि हाल ही में सीएम योगी ने निर्देश देते हुए कहा था कि सभी धार्मिक आयोजनों और धार्मिक स्थलों में शांति बनाए रखने के लिए बिना अनुमति के कोई भी धार्मिक जुलूस नहीं निकाला जाना चाहिए और ऐसे आयोजनों और स्थलों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से दूसरों को असुविधा नहीं होनी चाहिए.

कुछ राज्यों में त्योहारों के दौरान हिंसा की घटनाओं के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी का यह निर्देश आया. सीएम योगी ने कहा था कि सभी लोगों को अपनी धार्मिक विचारधारा के अनुसार अपनी उपासना पद्धति को मानने की स्वतंत्रता है जिसके लिए माइक और साउंड सिस्टम का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इस प्रकार की आवाज उस धार्मिक परिसर से बाहर न जाए. इस निर्देश का पालन प्रदेश के मस्जिद, मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों में किया जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि आने वाले दिनों में कई पर्व और धार्मिक आयोजन होने हैं और इस परिप्रेक्ष्य में राज्य पुलिस को अतिरिक्त सतर्क रहने की आवश्यकता है. ताजा निर्देशों के जारी होने के बाद कई जिलों में धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों ने स्वयं ही लाउडस्पीकर या तो हटा लिए हैं या उनकी आवाज धीमी कर ली है.

इसी क्रम में मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्म स्थान मंदिर प्रबंधन ने परिसर में लगे लाउडस्पीकर बंद कर दिए हैं. इस मंदिर परिसर में स्थित भागवत भवन के शिखर पर लाउडस्पीकर लगे हैं. यहां हर दिन करीब एक से डेढ़ घंटे तक मंगलाचरण और विष्णु सहस्त्रनाम बजाए जाते थे. इससे ही दिन की शुरुआत होती थी. अब इसे रोक दिया गया है.

गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर परिसर में लगे लाउडस्पीकर की आवाज धीमी कर दी गई है. साथ ही उन्हें बाजार, सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थलों की ओर से हटा दिया गया है. इसके अतिरिक्त, कानपुर, लखनऊ, नोएडा और अन्य शहरों में भी धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर या तो हटा लिए गए हैं या उनकी आवाज इतनी धीमी कर दी है कि वह परिसर के बाहर सुनाई न दे.

मुख्यमंत्री योगी ने एक ट्वीट करके यह स्पष्ट कहा था कि “कोई शोभायात्रा/धार्मिक जुलूस बिना विधिवत अनुमति के न निकाली जाए. अनुमति से पूर्व आयोजक से शांति-सौहार्द कायम रखने के संबंध में शपथ पत्र लिया जाए. अनुमति केवल उन्हीं धार्मिक जुलूसों को दिया जाए, जो पारंपरिक हों, नए आयोजनों को अनावश्यक अनुमति न दी जाए.”

इस निर्देश का सभी धर्मों और आस्था का पालन करने वाले लोगों ने स्वागत किया है. उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर लगातार बना हुआ नियंत्रण प्रदेश सरकार की बड़ी उपलब्धि है. इस दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘जीरो टॉलेरेंस’ की नीति के अनुसार, शांति व्यवस्था को भंग करने के किसी भी प्रकार के प्रयास करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाती है.

मुख्यमंत्री योगी की ओर से संबंधित प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने दिया जाए. उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि गाइडलाइन का पालन न करवाने पर दोषी अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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