पिछले 8 सालों में उत्तर प्रदेश के गांवों ने भी विकास की एक तगड़ी बयार देखी है. सीएम योगी ने शुक्रवार को जब प्रदेश के 57000 गांव प्रधानों और सदस्यों से वर्चुअल संवाद किया, तो गांवों से सफलता की एक से एक कहानियां सामने आईं. ग्राम प्रधानों ने बताया कि कैसे उनके गांवों में बदलाव की एक बयार बह रही है, जिससे हर एक तबका और शख्स सशक्त बन रहा है, आत्मनिर्भर हो रहा है. सीएम योगी ने इस वर्चुअल संवाद में गांवों के बदलते चेहरे और विकसित यूपी@2047 के विजन पर खुलकर चर्चा की. यह संवाद नवरात्रि के मौके पर ‘विकसित यूपी@2047 संवाद शृंखला’ के तहत आयोजित हुआ.
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सीएम योगी ने मंगाए सुझाव, जो अच्छे होंगे उन्हें मिलेगा पुरस्कार भी
सीएम योगी ने बातचीत की शुरुआत करते हुए कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है और जब गांव समृद्ध व आत्मनिर्भर होंगे, तभी प्रदेश और देश का विकास संभव है. उन्होंने ‘विकसित भारत–विकसित उत्तर प्रदेश’ का सपना पूरा करने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका को सबसे अहम बताया. उन्होंने ग्राम प्रधानों से अपील की कि वे पंचायत बैठकों में इस अभियान पर चर्चा करें, हर वार्ड और टोले तक संदेश पहुंचाएं और जनता से सुझाव लेकर राज्य सरकार के समर्पित पोर्टल पर भेजें. सीएम ने वादा किया कि हर जिले से तीन और प्रदेश स्तर पर पांच सबसे अच्छे सुझावों को पुरस्कृत भी किया जाएगा.
प्रधानों ने अपने-अपने गांवों की सक्सेस स्टोरी बताई
इस के दौरान श्रावस्ती के इकौना विकास खंड की ग्राम पंचायत टड़वा महंत के ग्राम प्रधान शिवकुमार राजभर ने बताया कि उनके गांव में मुख्यमंत्री के अभियान के चलते विकास की तस्वीर बदल गई है. कौशांबी जिले की मंझनपुर विकास खंड की ग्राम पंचायत उखैया खास की प्रधान सीमा निर्मल ने स्वयं सहायता समूह और बीसी सखी योजना से महिलाओं की आर्थिक स्थिति बेहतर होने की कहानी बताई. बरेली की बिथरी चैनपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत भरतौल की प्रधान प्रवेश ने मॉडल राशन की दुकान और महिला आत्मनिर्भरता के प्रयासों को साझा किया. अलीगढ़ के गोंडा ब्लॉक की ग्राम पंचायत तलेसरा के प्रधान गजेंद्र सिंह ने अपने गांव की ऐतिहासिक विरासत का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि उनके गांव से 13 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जुड़े हैं और उनकी स्मृति में स्टेडियम व अमृत सरोवर बने हैं. उन्होंने स्मार्ट क्लास, स्टेडियम और ग्राम सचिवालय का भी उल्लेख किया. अयोध्या जिले के सोहावल विकास खंड की ग्राम पंचायत सनाहा की प्रधान रीना पांडेय ने गांव में लागू योजनाओं, खास तौर पर कूड़ा निस्तारण व्यवस्था की जानकारी दी. सीएम ने खास तौर पर इसकी सराहना की और इसे विकसित यूपी की ठोस नींव बताया.
बांदा जिले के बड़ोखर खुर्द ब्लॉक की ग्राम पंचायत दुरेड़ी के प्रधान देवीदयाल सिंह ने मुख्यमंत्री पंचायत पुरस्कार योजना के तहत मिली सफलता और गांव के आठों विद्यालयों में स्मार्ट क्लास संचालन का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि उनकी पंचायत को मुख्यमंत्री पंचायत पुरस्कार योजना के तहत 36 लाख रुपये का पुरस्कार मिला है. शाहजहांपुर जिले की भवालखेड़ा ग्राम पंचायत के प्रधान जय प्रकाश ने बताया कि उनकी पंचायत को दो बार मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार मिल चुका है और स्वयं सहायता समूहों ने गांव की अर्थव्यवस्था को नई ताकत दी है. रामपुर जिले के चमरौआ ब्लॉक की ग्राम पंचायत कोयला के प्रधान भूकन लाल ने अपने गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बैंक, डाकघर और लाइब्रेरी, साथ ही कूड़ा निस्तारण की बेहतर व्यवस्था का उल्लेख किया.
मुख्यमंत्री ने इन सक्सेस स्टोरीज़ को प्रदेश के गांवों की असली ताकत बताया. उन्होंने ग्राम प्रधानों के जज़्बे, सक्रियता और जागरूकता की खुलकर तारीफ की और कहा कि इन्हीं प्रयासों से विकसित यूपी@2047 का सपना हकीकत बन पाएगा. सीएम योगी ने यह भी कहा कि आर्थिक शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति, इन तीन स्तंभों के माध्यम से कृषि, उद्योग, शिक्षा, पर्यावरण और बुनियादी सुविधाओं का समग्र विकास सुनिश्चित किया जाएगा. गांवों से मिली ऐसी सहयोग और सक्सेस स्टोरीज़ के बीच मुख्यमंत्री ने संदेश दिया कि अब उत्तर प्रदेश के गांव न केवल विकास की ओर अग्रसर हैं, बल्कि बाकी देश के लिए मिसाल भी बनते जा रहे हैं.
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