रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नाबालिग पहलवान से यौन शोषण मामले में बृजभूषण शरण सिंह को बरी कर दिया है. यह मामला तब सुर्खियों में आया था जब कई महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे. जिनमें एक शिकायतकर्ता नाबालिग थी. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की कैंसिलेशन रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (पॉक्सो) एक्ट के तहत दर्ज मामले को बंद कर दिया है.
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कोर्ट ने दिल्ली पुलिस द्वारा 15 जून 2023 को दाखिल 550 पेज की कैंसिलेशन रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि नाबालिग पहलवान और उसके पिता ने अपनी शिकायत वापस ले ली है और जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिले. वहीं नाबालिग पहलवान और उसके पिता ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया कि वे दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट हैं और कैंसिलेशन रिपोर्ट का विरोध नहीं करते. इसके आधार पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. लगभग दो साल बाद कोर्ट ने अंतिम रूप से बृजभूषण को इस मामले में बरी कर दिया है.
हालांकि महिला पहलवानों की ओर से दर्ज यौन उत्पीड़न के दूसरे मामले में पांच महिला पहलवानों की शिकायतों के आधार पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चार्ज फ्रेम किए गए हैं. इस केस को लेकर सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में FIR, चार्जशीट और ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को चुनौती दी है, जिसकी सुनवाई फिलहाल लंबित है.
बृजभूषण के बेटे का बयान
बृजभूषण शरण सिंह के बेटे और विधायक प्रतीक भूषण सिंह ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए एक्स पर लिखा, “हमने एक झूठे और मनगढ़ंत मामले में न्यायिक विजय प्राप्त की है. प्रत्येक तथ्यहीन आरोप अब न्याय के कठघरे में धराशायी हो रहा है. यह सत्य की जीत है और यह जीत आगे भी कायम रहेगी !!”
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