बरेली में अपना होंठ दिखा आलीशान हुसैन ने बताई नमाज के बाद हुई लाठीचार्ज की असली कहानी!

बरेली न्यूज: बरेली में जुमे की नमाज के बाद हुए लाठीचार्ज में आलिशान हुसैन नामक युवक को चोटें आई हैं. यूपी Tak से बातचीत में आलिशान ने पूरा मंजर बयान किया है.

Photo: Alishan Hussain

कृष्ण गोपाल यादव

26 Sep 2025 (अपडेटेड: 26 Sep 2025, 06:18 PM)

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Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद 'आई लव मोहम्मद' विवाद को लेकर भारी बवाल मचा. यहां इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के संस्थापक मौलाना तौकीर राजा के कहने पर भीड़ जमा हुई. आरोप है कि नारेबाजी करते हुए जब भीड़ ने हिंसक रूप लिया और शहर कई अलग-अलग हिस्सों में जाने की कोशिश की तब पुलिस ने लाठियां बरसा दीं. इस दौरान प्रदर्शनकारियों के साथ-साथ कई लोग घायल हुए. पुलिस ने हालांकि अब मौके पर शांति स्थापित कर दी है. एहतियातन पूरे शहर में फोर्स तैनात कर दी गई है. इस बीच वो लोग सामने आ रहे हैं जिनपर लाठियां बरसीं थीं. ऐसे में यूपी Tak ने आलिशान हुसैन नामक युवक से बातचीत कर जाना है कि उनके साथ क्या-क्या हुआ था?

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आलिशान हुसैन ने यूपी Tak को बताया, "हम लोग नमाज पढ़कर लौटे, इन लोगों को इतनी लाठियां बरसाईं. मेरा सारा होंठ फट गया. दांत टूट गया. मेरी बाइक भी तोड़ दी. हम बस घर ही जा रहे थे, हमें लाठियां मारी हैं. बेमतलब सबको मारा है." 

यहां देखें आलिशान ने क्या-क्या बताया?

यूपी में कहां से हुई थी 'आई लव मोहम्मद' विवाद की शुरआत?

उत्तर प्रदेश में 'आई लव मोहम्मद' (I Love Muhammad) विवाद की शुरुआत मुख्य रूप से कानपुर जिले से हुई थी, जो बाद में बरेली, उन्नाव, बागपत और अन्य कई शहरों तक फैल गया. यह पूरा विवाद पैगंबर मोहम्मद के प्रति आस्था व्यक्त करने वाले पोस्टर और बैनरों को लेकर शुरू हुआ. विवाद की शुरुआत सितंबर 2025 की शुरुआत में बारावफात (ईद मिलाद-उन-नबी) के जुलूस के दौरान हुई. कानपुर के रावतपुर इलाके में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने जुलूस के रास्ते पर 'आई लव मोहम्मद' लिखे बैनर और पोस्टर लगाए. स्थानीय हिंदू संगठनों ने इन बैनरों पर आपत्ति जताई और इसे एक 'नई परंपरा' बताकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया. पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए बैनर हटा दिए और इस मामले में कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. 

पुलिस का कहना था कि यह एफआईआर बैनर लगाने के लिए नहीं बल्कि बिना अनुमति सार्वजनिक स्थल पर टेंट लगाने, दूसरे समुदाय के पोस्टर फाड़ने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश के लिए दर्ज की गई थी. कानपुर पुलिस की इस कार्रवाई को मुस्लिम समुदाय के कई नेताओं और संगठनों ने धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया. इसके विरोध में यूपी के कई जिलों (जैसे उन्नाव, बागपत, बरेली) और देश के अन्य राज्यों में 'आई लव मोहम्मद' के समर्थन में जुलूस और प्रदर्शन हुए. 

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