यूपी में का बा Vs यूपी में बाबा! जब आमने-सामने हुईं नेहा सिंह राठौड़ और अनामिका जैन अंबर

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दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में चल रहे शब्द और सुरों का महाकुंभ ‘साहित्य आजतक’ आज अपने आखिरी पड़ाव पर है. साहित्य के इस…

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दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में चल रहे शब्द और सुरों का महाकुंभ ‘साहित्य आजतक’ आज अपने आखिरी पड़ाव पर है. साहित्य के इस तीन दिवसीय मेले के ‘राजनीति में का बा’ प्रोग्राम में कवयित्री अनामिका जैन ‘अंबर’ और कवयित्री-गायक नेहा सिंह राठौर ने हिस्सा लिया. दोनों ने खुलकर चर्चा की और अपनी बात रखी.

नेहा सिंह राठौर ने पॉलिटिकल होने और विरोध होने के आरोप पर कहा- बिल्कुल विरोध होता है. लोग बीजेपी विरोधी कहते हैं. ये हमेशा योगी-मोदी की आलोचना करती है.

नेहा सिंह राठौर ने कहा कि मैं कहना चाहती हूं कि मैं किसी विरोधी नहीं हूं. मैं जनता की तरफ से गाती हूं. अनामिका जैन को तंज कसा और कहा- दो तरह के कवि होते हैं. एक सरकारी कवि और एक लोक कवि. अनामिका ने कहा कि मैं किसी पार्टी की प्रवक्ता नहीं हूं. वो जो सही है, उसे भी देखा जाए, जगह जगह टोल, सड़कें बन रही हैं. सरकारी आंकड़ों में बेरोजगारी हो सकती है. हमें भी अपने कदम आगे बढ़ाने होंगे.

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उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद लाल चौक पर वंदेमातरम के नारे गूंजेंगे. उन्होंने कहा- एक बात मानने में मुझे कतई गुरेज नहीं है कि मैं न्यूट्रल नहीं हूं. वहीं नेहा ने कहा कि मैं यहां किसी को ट्रोल नहीं कर रही हूं. मैं जो हूं, वही आप सबको बता रही हूं. मैं न्यूट्रल हूं. मैं खुद को लोक गायिका कहती हूं. सच्चा कलाकार लोक के हितों से समझौता नहीं कर सकता है. वो मैं अपना काम करती हूं.

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