जाट, ब्राह्मण, यादव, मुस्लिम…जानिए यूपी में इस बार किस जाति-धर्म ने किसे दिया कितना वोट

आनंद कुमार

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आ चुके हैं, जिसमें बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की है. इसके बाद बीजेपी एक बार फिर यूपी में सरकार बनाने जा रही है.

2022 के विधानसभा चुनाव के परिणामों की बात करें तो यूपी की 403 सीटों में से बीजेपी को 255 सीटों पर जीत मिली, जबकि उसकी सहयोगी अपना दल (एस) ने 12 और निषाद पार्टी ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की.

वहीं समाजवादी पार्टी (एसपी) को 111 सीटें मिलीं, जबकि उसकी सहयोगी आरएलडी को 8 और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को 6 सीटें मिलीं. बीएसपी को एक और कांग्रेस को 2 सीटों पर जीत मिली. रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के खाते में 2 सीटें आईं.

गठबंधन के लिहाज से देखें तो बीजेपी+ को 273 सीटें मिलीं, जबकि एसपी+ के खाते में 125 सीटें आईं.

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इस विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्षी पार्टियां लगातार सत्ताधारी बीजेपी पर ब्राह्मणों की अनदेखी का आरोप लगाती रहीं. किसान आंदोलन के कारण जाट बीजेपी से नाराज बताए गए. ऐसे में यह दावा किया जाने लगा कि जाटों का वोट एसपी गठबंधन को मिलेगा. वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान समेत कई नेता चुनाव से ऐन पहले बीजेपी छोड़ एसपी का दामन थाम लिए. जिसके बाद ऐसी चर्चाएं होने लगी थीं कि नॉन यादव वोटर्स एसपी+ को समर्थन देगा.

Lokniti-CSDS पोस्ट पोल सर्वे के आंकड़े आने के बाद अब इन सभी चर्चाओं और दावों पर विराम लग गया है. आइए आपको इस सर्वे के आंकडे़ विस्तार से बताते हैं.

ब्राह्मणों का बीजेपी से कथित नाराजगी का दावा खारिज

सर्वे के मुताबिक, बीजेपी से ब्राह्मणों की कथित नाराजगी का दावा खारिज हो गया है. पिछली बार के विधानसभा चुनाव की तुलना में 6 फीसदी अधिक ब्राह्मणों ने बीजेपी गठबंधन को वोट दिया है.

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2022 के विधानसभा चुनाव में 89 फीसदी ब्राह्मणों ने बीजेपी गठबंधन को वोट दिया है, जबकि 2017 में 83 फीसदी ब्राह्मणों ने बीजेपी गठबंधन के पक्ष में मतदान किया था. वहीं इस बार 6 फीसदी ब्राह्मणों ने एसपी गठबंधन को वोट दिया है, जो कि पिछली बार की तुलना में एक फीसदी कम है. 2017 में 7 फीसदी ब्राह्मणों ने एसपी गठबंधन को वोट दिया था.

जाटों ने किसका दिया साथ?

किसान आंदोलन के कारण बीजेपी से नाराज बताए गए जाटों ने भी ब्राह्मणों की तरह 2017 के विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार बीजेपी+ को जमकर वोट दिया है. 54 फीसदी जाटों ने इस बार बीजेपी गठबंधन को वोट दिया, जबकि 2017 में 38 फीसदी जाटों ने बीजेपी गठबंधन पर भरोसा जताया था.

वहीं इस बार 33 फीसदी जाटों ने एसपी गठबंधन को वोट दिया है, जबकि 2017 में 57 फीसदी जाटों ने एसपी गठबंधन के पक्ष में मतदान किया था.

राजपूतों ने दिया बीजेपी गठबंधन को वोट

राजपूत समुदाय ने बीजेपी गठबंधन को 2017 की तुलना में इस बार 17 फीसदी ज्यादा वोट दिया. बीजेपी गठबंधन को 2017 में 70 फीसदी राजपूतों ने वोट दिया था, जबकि इस बार राजपूत समुदाय के 87 फीसदी लोगों ने बीजेपी गठबंधन को चुना है.

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वहीं 2022 में 7 फीसदी राजपूतों ने एसपी गठबंधन को वोट दिया है, जबकि 2017 में 11 फीसदी राजपूतों ने एसपी गठबंधन के पक्ष में वोट दिया था.

यादवों का वोट किसे मिला?

इस बार के चुनाव में बीजेपी गठबंधन एसपी के पारपंरिक माने जाने वाले यादव वोटर्स में सेंध लगाने में कामयाब हो पाई है. हालांकि, यह आंकड़ा ज्यादा बड़ा नहीं है. इस बार 12 फीसदी यादव वोटर्स ने बीजेपी गठबंधन को चुना है, जबकि 2017 में 10 फीसदी यादवों ने बीजेपी गठबंधन को वोट दिया था.

एसपी गठबंधन को इस बार 83 फीसदी यादव वोटर्स ने वोट दिया है, जबकि 2017 में 68 फीसदी यादवों का वोट एसपी गठबंधन को मिला था. इस हिसाब से इस बार 15 फीसदी अधिक यादव मतदाताओं ने एसपी गठबंधन को वोट दिया है.

मुसलमानों ने दिखाया एसपी गठबंधन पर भरोसा

अगर हम बात मुस्लिम मतदाताओं की करें तो 2017 के विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार 2 फीसदी अधिक मुस्लिमों ने बीजेपी गठबंधन को वोट दिया है. 2022 में 8 फीसदी मुस्लिमों ने बीजेपी गठबंधन को वोट दिया है, जबकि 2017 में यह आंकड़ा 6 फीसदी था.

वहीं इस बार के चुनाव में समाजवादी पार्टी को यादव वोटर्स के बाद सबसे अधिक मुस्लिमों ने वोट दिया है. 79 फीसदी मुस्लिमों ने 2022 के चुनाव में एसपी गठबंधन को वोट दिया है, जबकि 2017 में 46 फीसदी मुस्लिमों ने एसपी गठबंधन के पक्ष में मतदान किया था.

बीएसपी को इस बार सिर्फ 6 फीसदी मुस्लिमों ने वोट दिया है. वहीं 2017 में 19 फीसदी मुसलमानों का वोट बीएसपी को मिला था.

बीएसपी के वोट में बीजेपी की सेंधमारी

बीएसपी के पारपंरिक माने जाने वाले वोटर दलितों में भी बीजेपी ने सेंधमारी की है. जाटव का 21 फीसदी वोट इस बार के चुनाव में बीजेपी गठबंधन को गया है, जबकि 65 फीसदी जाटव ने बीएसपी को वोट दिया है. गैर-एससी का 41 फीसदी वोट इस बार बीजेपी गठबंधन के पक्ष में गया है, जबकि 27 फीसदी गैर-एससी ने बीएसपी को वोट दिया है.

2017 में 8 फीसदी जाटव और 32 फीसदी गैर-एससी ने बीजेपी गठबंधन को वोट दिया था, जबकि 87 फीसदी जाटव और 44 फीसदी गैर-एससी ने बीएसपी के पक्ष में वोटिंग की थी.

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