कर्नाटक में सीएम योगी ने कांग्रेस पर बोला हमला, धर्म आधारित आरक्षण को बताया असंवैधानिक

भाषा

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बुधवार को कर्नाटक में अपनी पहली चुनावी रैली में धर्म आधारित आरक्षण को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि यह संविधान के खिलाफ है. उन्होंने यह भी दावा किया कि मजबूत ‘डबल इंजन सरकार’ के कारण पिछले छह वर्षों में उत्तर प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ.

आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के नेतृत्व वाले जनता दल (सेक्युलर) के गढ़ में एक चुनावी रैली के दौरान कहा, ‘‘कांग्रेस पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का तुष्टिकरण करती है और धर्म आधारित आरक्षण देती है, जो भारतीय संविधान के खिलाफ है.’’ इस इलाके में वोक्कालिगा समाज के लोगों की बहुलता है.

योगी अन्य पिछड़ा वर्ग की 2बी श्रेणी के तहत मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का जिक्र कर रहे थे, जिसे कर्नाटक की भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम समय में यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि धर्म आधारित आरक्षण संवैधानिक नहीं है.

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कर्नाटक सरकार ने चार प्रतिशत आरक्षण को दो बराबर भागों में विभाजित कर दिया और राज्य के दो प्रमुख समुदायों, वोक्कालिगा और लिंगायत का कोटा बढ़ा दिया.

योगी ने कहा, ‘‘भारत का विभाजन 1947 में धार्मिक आधार पर हुआ था। देश धर्म आधारित आरक्षण का समर्थन नहीं कर सकता और हम एक और विभाजन के लिए तैयार नहीं हैं.’’

पार्टी नेता ने कहा कि केंद्र और कर्नाटक की भाजपा सरकारों ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा कर इस इस्लामी संगठन की कमर तोड़ दी है.

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उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में सुरक्षा और समृद्धि की गारंटी है. न कोई कर्फ्यू,न कोई दंगा, वहां पर है सब चंगा (कोई कर्फ्यू नहीं है और कोई दंगा नहीं है. वहां सब ठीक है).पिछले छह साल में उत्तर प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ.’’

उत्तर प्रदेश के विकास और प्रगति की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि ‘डबल इंजन’ सरकार – एक केंद्र में और दूसरी उनके गृह राज्य में – ने सबसे मजबूत संभव तरीके से अपनी शक्ति दिखाई है.

केंद्र और राज्यों में एक ही दल की सरकारों को भाजपा डबल इंजन सरकार के रूप में पेश करती है और चुनावों में इसे मुद्दा भी बनाती है.

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योगी ने कहा कि भाजपा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा में विश्वास करती है और यह भारत को आगे ले जा सकती है.

उन्होंने कहा, ‘‘हम तुष्टिकरण में विश्वास नहीं करते हैं, बल्कि हम सशक्तीकरण में विश्वास करते हैं.’’ कर्नाटक में 10 मई को मतदान होना है और नतीजे 13 मई को घोषित किए जाएंगे.

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