लखीमपुर खीरी हिंसा | लखनऊ में पुलिस की गाड़ी फूंकी गई, अखिलेश यादव को हिरासत में लिया गया
3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद अब 4 अक्टूबर को लखनऊ में समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के घर…
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3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद अब 4 अक्टूबर को लखनऊ में समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के घर के पास भारी हंगामा देखने को मिला है. लखीमपुर खीरी जाने से रोके जाने पर अखिलेश अपने घर के पास समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए. इस बीच इस जगह से कुछ सौ मीटर की दूरी पर ही ठीक गौतमपल्ली थाने के सामने पुलिस की एक गाड़ी में आग लगा दी गई. अब अखिलेश यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
हिरासत में लिए जाने से पहले अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों के ऊपर इतना अन्याय-उत्पीड़न नहीं कभी नहीं हुआ, जितना बीजेपी सरकार कर रही है, सरकार अन्न महोत्सव कर रही है लेकिन किसानों को अपमानित कर रही है.
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उन्होंने कहा कि किसानों की हत्या हुई है, ”एसपी की मांग है कि गृह राज्य मंत्री इस्तीफा दें, 2 करोड़ का मुआवजा दें, जो दोषी हैं उन पर 302 की कार्रवाई हो.”
खुद को रोके जाने पर अखिलेश ने कहा कि जिंदा लोकतंत्र है तो लोगों को सच जानने से क्यों रोका जा रहा है, हम किसानों की मदद को जाना चाहते हैं, उनके परिवार वालों से मिलना चाहते हैं लेकिन सरकार सच सामने आने से रोकना चाहती है.
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उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिसवाले ही गाड़ी को जलाए जाने के मामले में जिम्मेदार हो सकते हैं. उन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना पर कहा कि गाड़ी क्यों चढ़ाई किसानों पर, इसलिए चढ़ाई क्योंकि आंदोलन को कुचलना चाहते हैं.
क्या है लखीमपुर खीरी हिंसा मामला?
यूपी के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में रविवार को भारी हिंसा हुई. यूपी पुलिस के मुताबिक, इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई है. हिंसा की यह घटना तिकुनिया में आयोजित कुश्ती कार्यक्रम में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई.
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संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, प्रदर्शनकारी किसान केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे. मोर्चा ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे के गाड़ियों के काफिले ने किसानों को रौंदा और फायरिंग भी की गई. बताया जा रहा है कि यह काफिला डिप्टी सीएम को रिसीव करने के लिए आ रहा था.
इस बीच, अजय मिश्रा टेनी ने दावा किया कि उनके बेटे घटनास्थल के आसपास भी नहीं थे, बल्कि वह कार्यक्रम स्थल पर थे. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने यह भी दावा किया है कि किसानों के आंदोलन में शामिल हुए कुछ अराजक तत्वों ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम में जा रहे कार्यकर्ताओं के काफिले पर पत्थर मारे.
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