प्रयागराज: UP बोर्ड ने की थी कौशल विकास के कोर्सों की शुरुआत, मगर हो गया ये बुरा हाल

पंकज श्रीवास्तव

Prayagraj News: शासन के निर्देश पर उत्तर प्रदेश बोर्ड ने छात्रों के रोजगार के लिए नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की थी, ताकि छात्र नए रोजगार…

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Prayagraj News: शासन के निर्देश पर उत्तर प्रदेश बोर्ड ने छात्रों के रोजगार के लिए नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की थी, ताकि छात्र नए रोजगार की तरफ कदम बढ़ा सकें. मगर इसका जो परिणाम आया है वह बेहद चौंका देने वाला है. दरअसल हैरानी की बात यह है कि यूपी बोर्ड परीक्षा में चार नए रोजगार केंद्रित पाठ्यक्रमों में एक भी छात्र शामिल नहीं हुआ है.

यूपी बोर्ड ने कौशल विकास के तहत शुरू किए थे कोर्स

गौरतलब है कि तेजी से बढ़ती जनसंख्या और उनकी आवश्यकताओं को देखते हुए यूपी बोर्ड ने कौशल विकास के तहत कई कोर्स शुरू किए थे. इन कोर्सों में सोलर सिस्टम रिपेयरिंग, प्लंबर, आपदा प्रबंधन और इलेक्ट्रीशियन का कोर्स शुरू किया गया था. लक्ष्य था कि 10वीं-12वीं की परीक्षा पास करने के बाद युवा सीधे रोज़गार से जुड़ सकें. मगर इन कोर्सों में किसी भी छात्र ने पंजीकरण नहीं कराया.

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अन्य कोर्सों का हुआ ये हाल

अन्य पाठ्यक्रमों की बात करें तो 10वीं की परीक्षा के लिए हेल्थकेयर में 4, ऑटोमोबाइल में 8 ,रिटेल ट्रेडिंग में 19, मोबाइल रिपेयरिंग में 22 और आईटी में 38 छात्र है. वहीं 12वी की बात करें तो सेक्रेटेरिएट एंड इंग्लिश टाइपिंग में 18 ,मधुमक्खी पालन में 19, एंब्रॉयडरी में 20 ,डेयरी टेक्नोलॉजी में 24, रेशम कीट पालन में 52, कोऑपरेटिव में 53, सीड प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी में 155, प्रिंटिंग में 240, लॉन्ड्री ड्राई मे 378, प्लांट नर्सरी में 460 ,टेक्सटाइल डिजाइन 485, बैंकिंग में 596 ,कुकरी में 862 ,बेकरी एवं कन्फेक्शनरी में 924और वीविंग टेक्नोलॉजी में 932 परीक्षार्थी हैं.

आपको बता दें की प्रदेशभर की हाईस्कूल की इस परीक्षा में 13,016 485 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं, जबकि 12वीं में 27,50,913 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं. इन पाठ्यक्रमों को पढ़ाने के लिए विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को रखा जाता है, जिन्हें 15 हजार मानदेय देने की व्यवस्था है.

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