गोरखपुर में बाघिन की बर्ड फ्लू से मौत, पोल्ट्री फार्म को लेकर आया अलर्ट! यूपी में 20 मई तक के लिए हुआ ये फैसला
गोरखपुर की बाघिन में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद यूपी के सभी चिड़ियाघर और इटावा लायन सफारी 20 मई तक बंद. केंद्र की टीम जांच में जुटी.
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गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में मृत पाई गई बाघिन में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) की पुष्टि के बाद उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों और इटावा लायन सफारी को 14 मई से 20 मई तक बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है.
वन विभाग की प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) अनुराधा वेमुरी ने बताया कि लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और इटावा के चिड़ियाघरों को अगले सात दिनों तक पर्यटकों के लिए बंद किया गया है. इस दौरान सभी वन्यजीवों की सघन निगरानी की जाएगी. जानवरों को अब नियमित स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही भोजन दिया जा रहा है, और हर असामान्य गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
सेंट्रल जू अथॉरिटी ने गठित की एक्सपर्ट्स की टीम
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे मामले की गहराई से जांच के लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी ने एक पांच सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम गठित की है, जिसमें पशुपालन मंत्रालय, वाइल्डलाइफ हेल्थ मैनेजमेंट विभाग, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (देहरादून), ICAR बरेली और भोपाल के पैथोलॉजिस्ट शामिल हैं. यह टीम 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.
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सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी चिड़ियाघर परिसरों में नियमित सैनिटाइजेशन कराया जाए, पशुओं की स्वास्थ्य जांच बार-बार की जाए और उनके खाने-पीने के स्रोतों की भी जांच हो. सभी कर्मचारियों को मास्क, दस्ताने और PPE किट पहनकर ड्यूटी करने को कहा गया है.
वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने की ये पुष्टि
वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी पुष्टि की है कि बाघिन की मौत का कारण बर्ड फ्लू है, और इसके चलते राज्य भर में पोल्ट्री फार्मों में भी निगरानी तेज कर दी गई है. लखनऊ चिड़ियाघर की निदेशक अदिति सिंह ने बताया कि राजधानी के चिड़ियाघर में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन एहतियातन वहां भी प्रवेश पर रोक लगाई गई है.
बर्ड फ्लू एक संक्रामक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करती है, लेकिन दुर्लभ मामलों में यह स्तनधारियों और इंसानों में भी फैल सकती है. स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी मृत या बीमार पक्षी की सूचना तुरंत अधिकारियों को दें और अफवाहों पर ध्यान न दें.