अब कभी पता नहीं लगेगा कि जेल में बंद यह शख्स बेहमई कांड में फूलन के साथ था या नहीं? हुई मौत

सूरज सिंह

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Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में बेहमई कांड मामले में जेल में बंद 85 वर्षीय आरोपी पोसा की तबीयत सोमवार देर रात खराब हो गई. इसके बाद उसे उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. आपको बता दें कि 42 साल पहले हुए बेहमई कांड मामले में पोसा जेल में बंद अकेला आरोपी था और अन्य दो आरोपी जमानत पर जेल से बाहर हैं.

क्या था बेहमई कांड?

गौरतलब है कि 14 फरवरी 1981 में बेहमई गांव में दस्यु सुंदरी फूलन देवी ने गांव के 20 ठाकुरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी और अन्य 6 लोग घायल भी हुए थे. घटना के बाद बेहमई गांव के रहने वाले राजाराम ने मामले में मुकदमा दर्ज कराया था. इसकी सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट वकार शमीम रिजवी की अदालत में चल रही थी. मामले की अगली तारीख 12 अप्रैल को रखी गई थी. बेहमई कांड में आरोपियों में बचे डकैत श्याम बाबू व विश्वनाथ और भीखा जमानत पर जेल से बाहर थे, जबकि एक साल पहले डकैत भीखा की भी मौत हो चुकी है. कई डकैत पुलिस गिरफ्त से बचे रहे. अब लगभग सभी डकैती की मौत होना बताया जा रहा है.

कई दिनों से बीमार चल रहा था पोसा

वहीं, 16 दिसंबर 2016 को पुलिस ने पोसा को बेहमई के जंगलों से गिरफ्तार कर उसे माती जेल भेजा था. आरोपी पोसा गिरफ्तारी के बाद से लगातार जेल में बंद था. पोसा कई दिनों से बीमार रहा था. इससे पहले 20 मार्च की रात को भी उसकी तबीयत जेल में अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद जिला अस्पताल से उसे कानपुर हैलट इलाज के लिए भेजा गया था. सोमवार को भी उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई. जेल अस्पताल से देर रात उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया. जेल वॉर्डर देर रात करीब 11 बजे उसे जिला अस्पताल के इमरजेंसी लेकर पहुंचे, जहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. बता दें कि आरोपी पोसा के फेफड़े में टीवी का इलाज कानपुर हैलट से चल रहा था.

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