इटावा: 16 साल पहले इस डकैत ने खेली थी ‘खून की होली’, दहशत में आज भी होली नहीं मनाते लोग
Etawah News: चंबल और यमुना नदी में कभी डकैतों का आतंक हुआ करता था. इस क्षेत्र में डकैतों के आतंक से चुनाव तो प्रभावित होते…
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Etawah News: चंबल और यमुना नदी में कभी डकैतों का आतंक हुआ करता था. इस क्षेत्र में डकैतों के आतंक से चुनाव तो प्रभावित होते ही थे तो वहीं लोग त्योहार भी मानने से डरा करते थे. कुछ ऐसा ही कांड आज से 16 साल पहले थाना साहसों क्षेत्र के एक गांव में हुआ था. इस कांड की दहशत इतनी है कि आज भी यहां के लोग होली नहीं मनाते.
डकैत जगजीवन और उसके गैंग ने मचाया था कोहराम
16 मार्च सन 2006 ये दिन शायद ही इस क्षेत्र और चौरेला गांव के लोग कभी भूल पाएंगे. इस दिन डकैत ने यहां खून ही होली खेली थी. दरअसल पुलिस मुखबिरी के शक में डकैत जगजीवन और उसकी गैंग ने होलिका दहन में 3 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी तो वहीं एक युवक को जिंदा ही होलिका दहन में फेंक दिया था.
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जिंदा जलाकर मरने वाले जनवेद के पुत्र रिंकू को उस दिन की पूरी कहानी आज भी याद है. उसने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस मुखबिरी के शक में डकैत जगजीवन और उसकी गैंग के लोगों ने यहां पर खून की होली खेली थी. आज भी 16 साल बीत जाने के बाद गांव के लोग होली का त्योहार नहीं मनाते हैं.
डकैत मरा समझकर छोड़ गए थे
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गांव में रहने वाले गुड्डू को डकैत जगजीवन ने गोली मार दी थी. वह उसे मरा समझकर छोड़ कर चले गए थे. मगर वह किसी तरह से बच गया. उसने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि उस रात की घटना से आज भी डर लगता है. होली की वह काली रात हम भूल नहीं सकते.
क्या हुआ था उस रात
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होली में जिंदा जलाए गए मृतक जनवेद सिंह का बेटा ब्रजेश सिंह ने बताया की उस 16 मार्च 2006 की रात होली की रात थी. मेरे पिता की साइकिल की दुकान थी. उस दिन शाम को घर पर आ गए. उसके बाद जगजीवन परिहार डकैत घर आया और पिता को ले गया. वह सभी को होली दहन के पास ले गया. उसने होली दहन के सामने खड़ा करके पीछे से गोली मार दी. वह तड़प रहे थे. इसके बाद डकैत ने उन्हें जिंदा ही होलिका में डाल दिया और होलिका में आग लगा दी. हमारे गांव के लोग तभी से होली नहीं मनाते. बगल के ही गांव लालूपुरा के दो लोगों को भी उसी रात मार दिया गया था.
‘रात को जगाकर मार दी थी गोली’
गोली से घायल हुए गुड्डू ने बताया, “16 मार्च 2006 की रात हम सभी लोग होली जलाने की तैयारी कर रहे थे. गांव के सभी लड़के भी थे. तभी डकैत जगजीवन परिहार अपने गैंग के लोगों के साथ आया. सबसे पहले जनवेद को गोली मार दी. उसके बाद उनको होली में फेंक दिया. दूसरी गोली मेरे चेहरे पर मार दी, मैं तो गिर गया और बेहोश हो गया. वह लोग मुझे मरा समझकर छोड़ गए. पड़ोस के गांव लल्लू पुरा में भी दो लोगों को जगा कर रात में गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस तरह होली की रात में तांडव किया गया था. हमारे गांव के एक युवक का अपहरण भी करके ले गए थे.
यूपी-एमपी पुलिस के संयुक्त अभियान में मार गिराया गया था डकैत
दुर्दांत डकैत और 8 लाख के इनामी जगजीवन परिहार और उसकी गैंग के 5 सदस्यों की मुरैना जनपद मध्य प्रदेश में यूपी पुलिस और एमपी पुलिस के संयुक्त अभियान के दौरान मुठभेड़ हो गई थी. एसपी-यूपी पुलिस के संयुक्त अभियान में चल रही इस मुठभेड़ में पुलिस ने जगजीवन और इसकी गैंग के 5 सदस्यों को मार गिराया था. ये मुठभेड़ करीब 18 घंटे चली थी. इस दौरान एक पुलिस अधिकारी भी शहीद हो गए थे.
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