अब जातिगत जनगणना सबका साथ-सबका विकास के लिए जरूरी: पल्लवी पटेल
उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विपक्ष की नारेबाजी और शोरगुल के बीच अभिभाषण पढ़ा.…
ADVERTISEMENT
उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विपक्ष की नारेबाजी और शोरगुल के बीच अभिभाषण पढ़ा. विधानसभा सत्र के दौरान हुए हंगामे पर अपना दल (कमेरावादी) की नेत्री और सिराथू सीट से विधायक पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) ने यूपी तक से कहा कि ‘आज जो सदन हुआ है उसने यह स्पष्ट कर दिया कि जो मौजूदा सरकार है उसे जन भावनाओं से कोई सरोकार नहीं है. यह साबित कर दिया कि बीजेपी की जो उत्तर प्रदेश में सरकार है वो लोकतंत्र की विरोधी है. सरकार को यह जवाब देना होगा कि कानपुर में जो कुछ हुआ, घर गिराने के नाम पर एक व्यक्ति को सरेआम जला दिया गया, ऐसा क्यों हो रहा है?’
पल्लवी पटेल ने कहा कि वे लोग सरकार चला रहे हैं जो बड़े अपराधी हैं. देश और प्रदेश में निर्माण के नाम पर इस देश की संपदा को खाने के बाद भी अपने ऊपर सैकड़ों मुकदमे होने के बाद भी सरकार चला रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे की जवाबदेही से भाग नहीं सकती है कि इस प्रदेश के सरकारी तंत्र में जो उच्चतम स्तर का भ्रष्टाचार व्याप्त है जिसने तंत्र को खोखला कर दिया है, इसका जवाब देना होगा.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
सिराथू विधायक ने कहा कि आज समूचे विपक्ष ने एक साथ खड़े होकर जन भावनाओं और जन मुद्दों को लेकर मांग रखी और सरकार ने जवाबदेही भी सुनिश्चित नहीं, इससे यह साफ होता है कि आम आदमी के जीवन से जुड़े मुद्दों पर बीजेपी को बात नहीं करनी है. यह जनविरोधी और लोकतंत्र विरोधी सरकार है.
समाजवादी पार्टी के रामचरितमानस के मुद्दे पर पीछे हटने के सवाल पर पल्लवी पटेल ने कहा कि किसी भी शब्द को जोड़ने या हटाने से परिवर्तन नहीं आएगा. परिवर्तन तब आएगा जब तक उस शब्द से जुड़ी परंपराएं-भावनाएं जो हमारे दिमाग में हैं, वो नहीं बदलेंगी, तब तक कुछ नहीं बदलेगा.
ADVERTISEMENT
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले महीने 22 जनवरी को श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए कहा था कि उनमें पिछड़ों, दलितों और महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी हैं, जिससे करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है. लिहाजा इस पर पाबंदी लगा दी जानी चाहिए.
मौर्य की इस टिप्पणी को लेकर काफी विवाद उत्पन्न हो गया था. साधु–संतों तथा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी कड़ी आलोचना की थी. उनके खिलाफ लखनऊ में मुकदमा भी दर्ज किया गया. उनके समर्थन में ओबीसी महासभा संगठन के कार्यकर्ताओं ने श्रीरामचरितमानस के कथित आपत्तिजनक अंश की प्रतियां जलाई थीं.
ADVERTISEMENT
वहीं, जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर पल्लवी पटेल ने कहा कि अब तो सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी कहा जा रहा है कि जब तक सरकार जातिगत जनगणना नहीं करेगी तब तक किसी को हक कैसे दिया जा सकता है, तो अब जातिगत जनगणना सबका साथ-सबका विकास के लिए जरूरी है.
ADVERTISEMENT