उमेश पाल केस: अतीक अहमद नपा, भाई अशरफ बचा! बाहुबली माफिया को मिली उम्रकैद की सजा

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Atiq Ahmad News: भविष्य में जब भी 28 मार्च 2023 की तारीख का जिक्र होगा, तब यह तारीख इस बात की गवाही देगी कि इस दिन माफिया अतीक अहमद को किसी मामले में पहली बार दोषी करार दिया. हालांकि, अतीक के अपराध का रिकॉर्ड काफी लंबा चौड़ा है, मगर अब तक वह किसी भी मामले में दोषी सिद्ध नहीं हुआ था. वहीं, मंगलवार को प्रयागराज की कोर्ट ने अतीक को उमेश पाल अपहरण मामले में दोषी करार दिया. इस दौरान अतीक के साथ-साथ दिनेश पासी और शौकत हनीफ भी दोषी करार दिए गए. इसमें ध्यान देने वाली बता यह है कि इस दौरान अतीक के भाई अशरफ समेत 7 आरोपियों को बरी कर दिया गया. वहीं, कोर्ट ने अतीक समेत अन्य दोषियों को उम्रकैद की सजा का ऐलान किया है.

विस्तार से जानिए पूरा मामला

बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी, 2005 को हुई हत्या के बाद तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल ने पुलिस को बताया था कि वह हत्या का चश्मदीद था. उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था. अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. मामले में अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र है.

फूलपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद अतीक अहमद को जून 2019 में गुजरात की साबरमती केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था. उत्तर प्रदेश में जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट का आरोप लगने के बाद अतीक को साबरमती जेल भेजा गया था. अतीक अहमद उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है.

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अधिकारियों ने बताया कि जुलाई 2020 से बरेली जिला जेल में बंद अशरफ को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार शाम नैनी केंद्रीय जेल लाया गया. उसके साथ पुलिस की एक टीम सोमवार सुबह बरेली से प्रयागराज के लिए रवाना हुई.

आपको बता दें कि अहमद और अशरफ पर उमेश पाल की पिछले महीने हुई हत्या के मामले में साजिश में शामिल होने का भी आरोप है. उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

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