यूपी: अब प्रिस्क्रिप्शन में केवल जेनेरिक दवाएं ही लिखेंगे सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर

समर्थ श्रीवास्तव

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जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से लगातार हेल्थ डिपार्टमेंट को दिशा-निर्देश दिए जाते हैं. इसी क्रम में मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रदेश के सभी राजकीय चिकित्सालयों के डॉक्टरों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वो अब प्रिस्क्रिप्शन में जेनरिक दवाओं के नाम ही लिखेंगे.

सभी चिकित्सकों को निर्देशित किया गया है कि इसका अनुपालन सुनिश्चित किया जाए कि वे दवाईयों को जेनेरिक नाम से ही अपने प्रिस्क्रिप्शन में लिखें. साथ ही अस्पतालों में साफ-सफाई को सुनिश्चित किया जाए और उसका नियमित रूप से पर्यवेक्षण किया जाए.

हर महीने अस्पताल के क्रिटिकल परफारमेंस के पैरामीटर का होगा विश्लेषण

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने राजकीय चिकित्सालयों में बेहतर व्यवस्था के लिए निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक निदेशक, प्रमुख चिकित्साधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और अधीक्षक हर महीने न केवल अस्पताल के क्रिटिकल परफारमेंस के पैरामीटर का विश्लेषण करें बल्कि चिकित्सकवार भी इसका विश्लेषण करें कि प्रत्येक ऐसे चिकित्सक, जिनके द्वारा ओपीडी सर्जरी की जा रही हैं, उनके द्वारा कितने मरीज देखे जा रहे हैं.

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आई ट्रिपल सी से होगी 108 अस्पतालों की मॉनीटरिंग

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि केयर ऐप में नियमित रूप से प्रत्येक सोमवार को उपकरणों की क्रियाशीलता का डाटा उपलब्ध कराया जाए. इसके बाद जहां कहीं भी कोई उपकरण लंबे समय तक क्रियाशील नहीं रहता है तो सीधे अपर निदेशक, विद्युत से संपर्क किया जाए.

उन्होंने कहा कि शीघ्र ही 108 अस्पतालों की मॉनीटरिंग एकीकृत कोविड कमांड सेन्टर (आई ट्रिपल सी) के माध्यम से किया जाएगा. इन अस्पतालों में महत्वपूर्ण जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लग चुके हैं और प्रत्येक कैमरे से क्या देखा जाना है, उसकी एसओपी का निर्धारण भी हो चुका है. उन्होंने निर्देश दिए कि समस्त प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक न केवल यह सुनिश्चित करेंगे कि वे सीसीटीवी हर समय क्रियाशील रहें, बल्कि अपने स्तर पर भी यह सुनिश्चित करेंगे कि बिन्दुवार एसओपी का अनुपालन हो.

साइन बोर्ड के जरिए उपलब्ध दवाओं को दर्शाया जाए

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि मानक के अनुसार जो दवाइयां जनपद के ड्रग वेयर हाउस में उपलब्ध हैं, उनको अगर कोई उपयुक्त कारण न हो तो अस्पताल में प्राप्त करना और मरीजों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए.

उन्होंने निर्देश दिए कि दवाइयों की उपलब्धता एक साइन बोर्ड के माध्यम से दवाइयों के काउन्टर के पास ऐसे प्रदर्शित की जाए कि आम जनता उसको आसानी से देख सके. साइन बोर्ड को नियमित रूप से अपडेट रखा जाए.

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वार्ड में उपलब्ध कराए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता चेक करें अधिकारी

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि आपातकालीन क्षेत्र में चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की पर्याप्त ड्यूटी लगायी जाए और वहां मरीजों के लिए एंबुलेंस, व्हीलचेयर, स्ट्रेचर और आवश्यक दवाइयों और उपकरणों इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.

आईपीडी वार्ड में जो भोजन उपलब्ध कराया जाता है, उसकी गुणवत्ता की जांच नियमित रूप से की जाए और मरीजों व उनके तीमारदारों से टेस्टीमोनियल रिकार्ड किया जाए और संबंधित लोगों से भी साझा किया जाए.

10 दिन में डीजी हेल्थ को भेजें पूरी रिपोर्ट

उन्होंने निर्देश दिए कि रोगी कल्याण समिति में जो भी धनराशि उपलब्ध है, उसका मरीजों की भलाई के लिए उपयोग किया जाए और उससे मरीजों के हित में अस्पताल की छोटी-मोटी कमियों को दूर कराया जाए. रोगी कल्याण समिति में सीएसआर अथवा स्थानीय संपन्न व्यक्तियों से डोनेशन के माध्यम से सहायता प्राप्त करने का प्रयास किया जाए. उन्होंने निर्देशित किया है कि निर्देशों का अनुपालन कर 10 दिन के अन्दर करते हुए आख्या डीजी, चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं को उपलब्ध कराई जाए.

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