कानपुर: जब अस्‍पताल में डेड बॉडी का इलाज करने लगे डॉक्टर, फ‍िर 2 घंटे बाद परिजनों से कही ये बात

रंजय सिंह

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Kanpur News: कानपुर में भी एक युवक की मौत चर्चा का विषय बन गई है. दरअसल, युवक का एक्सीडेंट में मौत डॉक्टरों ने पुलिस के द्वारा उसकी बॉडी पोस्टमार्टम कराने को भेजी थी. लेकिन यहां पोस्टमार्टम हाउस में परिजनों को लगा कि उसका युवक जिंदा है, इसके बाद पर‍िजनों ने पुलिस से जबरन शव लेकर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज पहुंचे. इसके बाद पर‍िजनों ने अस्‍पताल से उसका इलाज करने को कहा. यहां डॉक्‍टरों ने ईसीजी के बाद युवक को भर्ती कर ल‍िया. भर्ती करने के बाद दो घंटे तक उपचार किया गया. इसके बाद उसे मृत घोषित किया. इस घटना के बाद व‍िधनू सीएचसी के डॉक्टरों पर सवाल उठ रहे हैं.

अस्‍पताल में डेड बॉडी का इलाज करने लगे डॉक्टर

दरअसल, कानपुर के गुजैनी के रहने वाले अहमद हुसैन डीजे बजाने का काम करता था. संडे के रात को वह अपने दो दोस्तों के साथ बिधनू के मझावन में एक कार्यक्रम करने गया था. वहां से लौटते समय उसका एक गाड़ी से एक्सीडेंट हो गया. जिसमें तीनों दोस्त घायल हो गए. इस सब को पुलिस ने घायल अवस्था में ही विधनु के सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराया. वहां पर डॉक्टरों ने चेक करने के बाद अहमद को मृत घोषित कर दिया. बिधनू थाने की पुलिस को बुलाकर उसका पंचनामा कराकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. घरवाले जब पुलिस के साथ बॉडी लेकर पोस्टमार्टम हाउस आए तो बॉडी के कवर में अहमद की मां को कुछ भाप दिखाई दी.

परिजनों ने किया हंगामा

घरवालों को लगा कि अहमद के सांसे चल रही है और वह जिंदा है. इसके बाद उन्होंने हंगामा कर दिया. अहमद के पर‍िजनों ने पुलिसकर्म‍ियों पर दवाब बनाया और अहमद को एलएलआर अस्पताल ले गए. जहां उन्होंने बॉडी को एडमिट कर लिया और उसका ट्रीटमेंट शुरू करते हुए उसका ईसीजी कराने लगे. इस दौरान डॉक्टर ने अहमद का तीन बार इसीजी किया. लगभग ढाई घंटे तक घंटे के इलाज के बाद डॉक्टर ने अहमद को मृत घोषित कर दिया. वहीं इस घटना के बाद यह सवाल उठने लगा कि अगर बॉडी में कोई रिस्पांस नहीं था तो डॉक्टर ने उसको भर्ती करके इलाज कैसे शुरू कर दिया.

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