क्या अखिलेश यादव ने पत्रकार की गर्दन पर तलवार रख दी? जानिए पूरा मामला और इसका असल फैक्ट चेक

रजत सिंह

ADVERTISEMENT

Uttar Pradesh News : क्या अखिलेश यादव को आया गुस्सा और उन्होंने एक पत्रकार की गर्दन पर तलवार रख दी? ये सवाल सोशल मीडिया पर इस वक्त खूब वायरल है.

social share
google news

Uttar Pradesh News : क्या अखिलेश यादव को आया गुस्सा और उन्होंने एक पत्रकार की गर्दन पर तलवार रख दी? ये सवाल सोशल मीडिया पर इस वक्त खूब वायरल है.  इसकी शुरुआत होती है, एक टीवी कार्यक्रम से. एक टीवी न्यूज चैनेल के कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह अखिलेश यादव पर कमेंट करते हुए कहते हैं कि,  'किसी मुख्यमंत्री को आपने सुना है की किसी अखबार के किसी मीडिया समूह के संपादक और स्थानीय संपादक को घर बुलाए और गर्दन पर तलवार लगा दे. ये अपनी ओर से नहीं कह रहा हूँ अखिलेश यादव एक टीवी चैनल के प्रोग्राम में स्वीकार कर चुके हैं. तलवार लगा दी और कहा तुम्हारे संपादक जब तक नहीं आएँगे तब तक तुम जा नहीं सकते. रात भर जाने नहीं दिया क्योंकि उनके एक एडिशन में छप गया था जब मुलायम सिंह को हटाया की वो औरंगजेब हैं.' जैसे ही ये वीडियो वायरल होती है तो सोशल मीडिया पर सुर्खियां बनने लगती हैं. 

ADVERTISEMENT

ये वीडियो जब इंटरनेट पर चर्चा में आता है, तो कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत समाजवादी पार्टी को टैग करके लिखते हैं कि समाजवादी  पार्टी को क्या हो गया है? अखिलेश यादव का इतना अपमान क्यो सह रही है?

अखिलेश के इस वीडियो पर बवाल

ऐसे में इस वीडियो वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह के ठीक बगल में बैठे शांतनु गुप्ता, जो कि एक लेखक हैं और योगी आदित्यनाथ पर कहानी लिख चुके हैं. वो इसका जवाब देते हैं. शांतनु गुप्ता एक वीडियो शेयर करते हैं और लिखते हैं,  'सुनिएगा सुरेंद्र जी अखिलेश यादव जी दिल्ली से बुलाकर उस पत्रकार को तलवार से मानना चाहते थे. पत्रकार को उनके खिलाफ लिखने के लिए जेल भेजना चाहते थे और मुंह मांगे पैसे से खरीदना चाहते थे.' आगे वह सुरेंद्र राजपूत पर तंज कसते हुए लिखते हैं कि वैसे राजपूत जी, इतना तो आप राहुल बाबा को भी डिफेंड नहीं करते…पाला बदल रहें हैं क्या ? 

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

दरअसल, लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार बताते हैं कि ये मामला एक अंग्रेजी अख़बार के एक ख़बर की थी, जिसमें अखिलेश यादव की तुलना मुगल बादशाह औरंगजेब से की गई थी. जिसके बाद ये विवाद शुरू हुआ. ऐसे में जब फिर साल 2024 में एक बार अखिलेश यादव पर आरोप लगते हैं, तो समाजवादी पार्टी IT सेल जवाब देने के लिए सामने आती है. IT सेल लिखती है, प्रदीप सिंह के पूरे दावे को छूट बाते हुए एक वीडियो पोस्ट करती है और लिखती है कि,   PDA विरोधी ताकतें हर तरह से सपा और अखिलेश जी के खिलाफ प्रोपेगेंडा ,अफवाहबाजी कर रही हैं लेकिन इन PDA विरोधी ताकतों ,सत्ता के तलवे चाटने वाले गुलामों के झूठ बोलने से जनता भ्रमित नहीं होने वाली जनता जागरूक हो चुकी है ,भाजपा/RSS के षण्यंत्र को समझ रही है और चुनावों में भाजपा को करारा जवाब मिलेगा . 

सपा ने कही थी कार्रवाई की बात

इसके बाद समाजवादी पार्टी IT सेल और पोस्ट करता है, जिसमे प्रदीप सिंह और शांतनु गुप्ता को के साथ टीवी चैनल और उनके एंकर को टैग करते लिखा जाता है. आप लोगों को सूचित किया जाता है कि आप लोग चैनल  के एक कार्यक्रम में बैठकर समाजवादी पार्टी ,स्मृतिशेष श्रद्धेय नेताजी मुलायम सिंह यादव जी एवं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय श्री अखिलेश यादव जी के प्रति तरह-तरह के गैर तथ्यात्मक ,झूठे ,अनर्गल ,अप्रमाणिक आरोप/वक्तव्य लगाकर उनकी छवि धूमिल कर रहे हैं अतः आप लोग अपने दिए हुए सभी वक्तव्यों की तथ्यों समेत प्रमाणिकता सबूत समेत दें अन्यथा मनगढ़ंत अनर्गल आरोप/छवि धूमिल के कारण समाजवादी पार्टी आप लोगों के विरुद्ध विधि सम्मत कानून कारवाई करने को बाध्य होगी. आपको सूचित किया जाता है कि आरएसएस/भाजपा के इशारे पर आप लोग जिस तरह का कार्य कर रहे हैं यह बेहद गंभीर और दंड विधान के अंतर्गत आता है.

ADVERTISEMENT

जब इस पूरे आरोप प्रत्यारोप में हमने वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि,  'मुझे जो कहना था मैं कह चूका हूं.' वही लेखक शांतनु गुप्ता कहते है कि, 'मैंने एक वीडियो क्या डाला एक बात क्या कही समाजवादी पार्टी तो दिलमिला उठी. सपा ने मेरे खिलाफ फरमान भी दे दिया है. ट्रोल्स ने मुझे काफी गालियां भी दी. 

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT