योगी सरकार का दावा- ‘एक करोड़ महिलाओं को स्‍वरोजगार, मिशन शक्ति से महिलाओं का उत्थान’

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 19 सितंबर को साढ़े चाल पूरी कर चुकी है. इस मौके पर योगी सरकार ने दावा किया है कि पिछले साढ़े चार सालों में यूपी की महिलाओं और बेटियों की तस्वीर यूपी के मानचित्र पर उभर कर सामने आई है. आधी आबादी के कदमों को तेजी से विकास पथ पर बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार की योजनाएं कारगर साबित हुई हैं.

सरकार ने ये भी दावा किया है कि यूपी में पहली बार महिलाओं और बेटियों को सशक्त बनाने के लिए शुरू किए गए वृहद ‘मिशन शक्ति’ अभियान से उनका उत्थान हुआ है. तेजी से घटते महिला अपराधों के आंकड़े, महिलाओं के मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई के साथ-साथ सरकार की स्वर्णिम योजनाओं से महिलाओं-बेटियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव की बयार आई है.

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “महिला सुरक्षा हमारी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। प्रदेश में हमारी सरकार ने एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया है. आज ‘मिशन शक्ति’ के माध्यम से प्रदेश की महिलाओं की समस्याओं का निस्तारण तेजी से किया जा रहा है.”

उन्‍होंने कहा, “प्रदेश सरकार की स्‍वर्णिम योजनाओं जैसे कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, पीएम मातृ वंदना योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना का सीधा लाभ महिलाओं और बेटियों को मिल रहा है.”

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प्रदेश में पहली बार महिलाओं और बेटियों के लिए ‘मिशन शक्ति’ अभियान की शुरुआत की गई. पहले चरण में महिलाओं और बेटियों से जुड़े मुद्दों पर जन जागरूकता कार्यक्रम, दूसरे चरण में महिलाओं की सुरक्षा के लिए हर थाने में पिंक बूथ का गठन और तीसरे चरण में हर गांव में पंचायत स्‍तर पर महिलाओं की सुनवाई के लिए कक्ष का निर्माण किया गया, जि‍समें महिला बीट पुलिस अधिकारी उनकी समस्‍याओं का निस्‍तारण कर रही हैं.

योगी आदित्‍यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

एक करोड़ महिलाओं को स्‍वरोजगार

उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिलाओं-बेटियों के उत्‍थान के लिए तेजी से काम किया है. जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्‍वयं सहायता समूहों के जरिए एक करोड़ ग्रामीण महिलाओं को स्‍वरोजगार से जोड़ने का काम किया गया है.

‘महिलाओं व बेटियों का हुआ यूपी में उत्‍थान’

योगी सरकार ने यह भी दावा किया है कि महिला सशक्तिकरण को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साढ़े 4 सालों में तेजी से काम किया है. शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं और बेटियों के कदम रोजगार के पथ पर बढ़ाने संग प्रदेश सरकार ने उनको सुरक्षित माहौल देते हुए उनको सम्‍मान दिया है. प्रदेश सरकार की स्‍वर्णिम योजनाओं से यूपी की महिलाओं और बेटियों का उत्‍थान हुआ है.

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सरकार ने कहा है कि प्रदेश की बालिकाओं को स्नातक स्तर तक निशुल्क शिक्षा, सीएम कन्या सुमंगला योजना से 9 लाख 91 हजार बेटियों को लाभान्वित किया जा चुका है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में 1.52 लाख से अधिक निर्धन कन्याओं का विवाह कराया जा चुका है. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना में एक करोड़ 80 लाख बच्चियों को लाभान्वित किया जा चुका है.

योगी सरकार ने यह भी दावा किया है कि प्रदेश की महिलाओं को तत्काल न्याय दिलाने के लिए 218 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट, 81 मजिस्ट्रेट स्तरीय न्यायालय और 81 अपर सत्र की स्थापना के साथ ही प्रदेश के सभी 1535 थानों पर पहली बार महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई. पीएम मातृ वंदना योजना में 40 लाख महिलाओं को सीधे तौर पर लाभान्वित किया गया है. वहीं, निराश्रित महिला पेंशन के लिए आयु सीमा की बाध्‍यता को समाप्‍त करते हुए 29 लाख 44 हजार से अधिक निराश्रित महिलाओं को 500 रुपए प्रति माह की पेंशन दी गई.

(यह खबर यूपी तक के साथ इंटर्नशिप कर रहीं रोशनी ने संपादित की है.)

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