उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए विपक्ष सरकार पर हमलावर है. इसी क्रम में मायावती ने सड़कों की दुदर्शा को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद राजधानी लखनऊ की सड़कों का हाल भी खराब है. आपको बता दें कि यूपी तक प्रदेश की सड़कों की हालत को लेकर पड़ताल करने के साथ-साथ तमाम सराकारी दावों के बीच सही तस्वीर सामने लाने का प्रयास कर रहा है. हम अलग-अलग जिलों की सड़कों की खराब स्थिति से सरकार के जिम्मेदारों को अवगत करा रहे हैं और उन्हें आईना दिखा रहे हैं. यूपी तक ने अब तक वाराणसी, पीलीभीत, हरदोई और संत कबीर नगर की सड़कों का रिएलिटी चेक कर दिया है.
UP की सड़कों का रिएलिटी चेक: ‘यह सड़क 2013 से ही है बेहाल’, PM के क्षेत्र वाराणसी का हाल
बीएसपी सुप्रीमो ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा-
“यूपी में बीजेपी की ‘डबल इंजन’ की सरकार है फिर भी राजधानी लखनऊ के सड़कों की भी जो दुदर्शा है उससे जान के जंजाल के चर्चे हर जगह आम हैं, किन्तु इसकी हालत सुधारने के बजाय, राज्य सरकार की तर्ज पर लखनऊ नगर निगम भी, सड़कों व वॉर्डों आदि का नाम बदलने में ही चैम्पियन. विचित्र स्थिति!”
मायावती, बीएसपी चीफ
1. यूपी में भाजपा की ’डबल इंजन’ की सरकार है फिर भी राजधानी लखनऊ के सड़कों की भी जो दुदर्शा है उससे जान के जंजाल के चर्चे हर जगह आम हैं, किन्तु इसकी हालत सुधारने के बजाय, राज्य सरकार की तर्ज पर लखनऊ नगर निगम भी, सड़कों व वार्डों आदि का नाम बदलने में ही चैम्पियन। विचित्र स्थिति!
— Mayawati (@Mayawati) October 1, 2021
उन्होंने आगे कहा, “यूपी बीजेपी सरकार में भी कानून-व्यवस्था व विकास की बदतर स्थिति की तरह ही यहां के शहरी व ग्रामीण सड़कों की जो दुर्दशा है उससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है. काश, बीजेपी सरकार जनहित व जनकल्याण के प्रति थोड़ी ईमानदार होती तो इनकी कथनी व करनी में जमीन-आसमान का अन्तर नहीं होता.”
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आपको बता दें कि अपने करीब साढ़े चार साल के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के कई बार दावे किए हैं. यूपी में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में योगी सरकार ने 15 नवंबर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए अधिकारियों को निर्देश-निर्देश दिए हैं.
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