‘महिला आरक्षण विधेयक में PDA के लिए रिजर्वेशन…’, अखिलेश यादव ने सरकार से की ये बड़ी मांग
महिला आरक्षण विधेयक संसद में पेश किए जाने की अटकलों के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) चीफ अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सरकार से बड़ी मांग…
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महिला आरक्षण विधेयक संसद में पेश किए जाने की अटकलों के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) चीफ अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सरकार से बड़ी मांग कर दी है. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक में पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए.
अखिलेश यादव ने ट्विटर (अब X) पर कहा कि महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए. इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए.
महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए।
इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए।— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 19, 2023
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सपा प्रवक्ता ने क्या कहा?
सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जहां तक इस (महिला आरक्षण) विधेयक का सवाल है, हमारा रुख यह है कि इस विधेयक के तहत पिछड़ों को कितना आरक्षण मिलेगा. कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा जब यह विधेयक पेश किया गया था तो हमने इसका विरोध किया था और आज जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसे ला रही है, तो हम (उनसे) पूरी तरह सहमत नहीं हैं.’’
चौधरी ने कहा,
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‘‘हम महिलाओं के साथ न्याय चाहते हैं और उनके लिए आरक्षण भी चाहते हैं. लेकिन पिछड़ों, आदिवासियों, दलितों के लिए कितना आरक्षण होगा?’’
उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक में यह बताया जाना चाहिए कि अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी), दलित, अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) समुदाय की महिलाओं को दिए जाने वाले आरक्षण का कोटा क्या होगा.
मुलायम सिंह ने किया था विरोध
साल 2009 में तत्कालीन सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने (प्रस्तावित) महिला आरक्षण विधेयक का विरोध करते हुए इसे ‘‘कठिन संघर्षों’’ के माध्यम से लोकसभा तक पहुंचने वाले नेताओं के खिलाफ एक ‘‘साजिश’’ करार दिया था. उस वक्त सपा सरकार को बाहर से समर्थन दे रही थी.
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सिंह के बयान के समर्थन में तत्कालीन जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) नेता शरद यादव ने तर्क दिया था कि अगर विधेयक आम सहमति के बिना पारित किया गया तो यह ‘‘जबरन जहर देने’’ के समान होगा.
प्रह्लाद सिंह पटेल ने हटा लिया था अपना पोस्ट
इस बीच, केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने सोमवार को कहा था कि मंत्रिमंडल ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है, लेकिन उन्होंने एक घंटे के भीतर ही अपना यह पोस्ट सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ से हटा लिया था.
मंत्रिमंडल की बैठक में क्या चर्चा हुई, इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है, लेकिन ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि इसमें महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी गई है.
पटेल ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा था, ‘‘सिर्फ (नरेन्द्र) मोदी सरकार के पास महिला आरक्षण की मांग को पूरा करने का नैतिक साहस है, जो मंत्रिमंडल की मंजूरी से साबित हो गया है। नरेन्द्र मोदी जी को बधाई और मोदी सरकार को बधाई.’’ हालांकि, बाद में उन्होंने यह पोस्ट हटा लिया.
सरकारी सूत्रों ने पहले संकेत दिया था कि मंत्रिमंडल ने विधेयक को मंजूरी दे दी है और उसे संसद में पेश किए जाने की संभावना है.
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