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Aaj Ka UP: क्या यूपी में संजय निषाद लड़ाएंगे बाहुबली धनंजय सिंह, बृजेश सिंह को चुनाव?

रजत सिंह

निषाद पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद ने धनंजय सिंह और बृजेश सिंह को टिकट देने का किया खुला समर्थन. कहा कि ये हमारे 'संरक्षक' रहे और मित्र हैं. क्या है इस बयान का मायने.

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Sanjay Nishad, Dhananjay Singh, Brijesh Singh news
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उत्तर प्रदेश के मत्स्य मंत्री व निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद हाल ही में एक इंटरव्यू और बयान के चलते चर्चाओं में हैं. उनसे धनंजय सिंह और बृजेश सिंह जैसे बाहुबली नेताओं को टिकट देने के सवाल पर पूछा गया तो संजय निषाद ने साफ कहा कि, 'यह लोग उस दौर में हमारे संरक्षक रहे. कांग्रेस और सपा के आतंक के वक्त यही लोग हमारी पार्टी को खड़ा-बड़ा करने में मददगार बने. हमारे समाज को संरक्षण दिया. इसलिए वो बाहुबली हों या कुछ भी, अगर उन्होंने साथ दिया है तो हमारे मित्र हैं.' संजय निषाद का यह बयान खुले तौर पर उन नेताओं का समर्थन करता दिखा, जिन्हें अक्सर बाहुबली छवि या आपराधिक पृष्ठभूमि से जोड़ा जाता है.

संजय निषाद ने न सिर्फ कांग्रेस-सपा पर हमला बोला बल्कि भाजपा को भी कठोर नसीहत दी थी. उन्होंने पिछले दिनों कहा, था कि अगर भाजपा को लगता है कि उन्हें हमसे फायदा नहीं है, तो गठबंधन तोड़ दें. निषाद समाज और सहयोगी दलों को लेकर संजय ने कहा कि हमारे समाज की एकता और आंदोलन ही भाजपा को चुनाव में सफलता दिलाने वाले हैं. अगर उनके समाज को उनका हक नहीं मिला तो भाजपा को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि जब निषाद वोट नहीं देता तो सपा, बसपा, कांग्रेस जैसी पार्टियां डूब जाती हैं और भाजपा की एक गलती भी बड़ा नुकसान कर सकती है.

संजय निषाद की इस पॉलिटिक्स को नीचे दिए गए वीडियो रिपोर्ट में समझिए

आपको बता दें कि धनंजय सिंह निर्दलीय विधायक रहे हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में उनकी पत्नी और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के लिए वोट मांगा था. लंबे समय तक निर्दलीय, जदयू और लोजपा के जरिए विधायक रहने वाले धनंजय सिंह बसपा सरकार के दौरान बसपा से सांसद भी बने थे. जौनपुर के रहने वाले इस बाहुबली नेता के खूब चर्चे रहते हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक मामले में सजा मिलने के चलते धनंजय सिंह खुद नहीं लड़े. उनकी पत्नी को बसपा से टिकट मिला, जो बाद में खारिज हो गया. अंत में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के कृपा शंकर सिंह का साथ दिया. उनका यह कहना है कि जो वोट उनका है वही बीजेपी का भी वोट है. उनकी सीट पर लोगों की मोहब्बत उन्हें मिलती है. इसलिए वो बिना बीजेपी के कहे लड़ जाते हैं. लेकिन एक तरीके से उनका वोट जो है वो वही है जो भाजपा को वोटर है.

संजय निषाद के सिंबल पर उतरेंगे बाहुबली नेता?

ऐसे में अगर भारतीय जनता पार्टी किसी बाहुबली को नहीं लड़ाती तो संभावना है कि वह अपने सहयोगियों के जरिए लड़ा दे. निषाद पार्टी के साथ उनका पहले भी संबंध रहा है. वह निषाद पार्टी के जरिए भी एक बार चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. अब बात बृजेश सिंह की, जो पूर्वांचल में अंसारी परिवार खासकर मुख्ता अंसारी से टक्कर लेने के लिए जाने जाते रहे हैं. एमएलसी रह चुके हैं और उनकी पत्नी भी अब एमएलसी हैं. माना जा रहा है कि बृजेश सिंह अब खुलकर राजनीति करेंगे. उनके चुनावी मैदान में उतरने की संभावना को लेकर खूब चर्चा है. बीते दिनों जिस तरीके से बृजेश सिंह ने मीडिया से बातचीत करना शुरू किया, इंटरव्यू देना शुरू किया तो खूब चर्चा हुई और अफजाल अंसारी ने भी खूब उन्हें काउंटर भी किया. अब संजय निषाद ने बयान देकर एक तरीके से नई चर्चा छेड़ दी है कि अगर बृजेश सिंह को बीजेपी लड़ाने से हिचकती है तो संजय निषाद भी उन्हें चुनावी मैदान में उतार सकते हैं.

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