कौन हैं जेल में बंद सपा MLA इरफान सोलंकी जिन्हें कोर्ट ने सुनाई है 7 साल की सजा?
Irfan Solanki News: कानपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने जेल में बंद समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई समेत पांच लोगों को एक महिला का भूखंड हड़पने की कोशिश में उसके घर में आग लगाने के मामले में शुक्रवार को सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई.
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Irfan Solanki News: कानपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने जेल में बंद समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई समेत पांच लोगों को एक महिला का भूखंड हड़पने की कोशिश में उसके घर में आग लगाने के मामले में शुक्रवार को सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई. इस फैसले के साथ ही सोलंकी को उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जा सकता है.
क्या है जनप्रतिनिधित्व कानून?
दरअसल, जनप्रतिनिधित्व कानून के अनुसार, किसी भी जनप्रतिनिधि को दो या उससे अधिक साल की कैद होने पर ‘दोषसिद्धि’ की तारीख से सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य माना जाएगा. इतना ही नहीं, सजा पूरी होने के बाद अगले छह वर्ष के लिए वह सदन की सदस्यता के लिए पात्र नहीं होगा.
जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) दिलीप अवस्थी ने बताया कि इरफान सोलंकी समेत पांचों आरोपियों को सोमवार को सांसद-विधायक अदालत के न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने दोषी ठहराया था और शुक्रवार को सजा सुनाई. अवस्थी ने से कहा कि अदालत ने नजीर फातिमा के घर में आग लगाने, उसका भूखंड हड़पने, उसे परेशान करने और गाली-गलौज करने के मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी, बिल्डर शौकत अली, मोहम्मद शरीफ और इजरायल उर्फ 'आटे वाला' को सात-सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई.
उन्होंने बताया कि अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अगर आरोपी जुर्माना अदा नहीं करता तो उसे तीन महीने और जेल में रहना होगा।
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जानें इरफान सोलंकी के बारे में
इरफान चार बार के विधायक हैं, पहली बार 2007 में आर्य नगर से विधायक निर्वाचित हुए इरफान ने 2012, 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी. उनके पिता मुश्ताक सोलंकी भी कानपुर के आर्य नगर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे। कथित घटना 2022 में सात नवंबर को हुई थी.
मामले में इरफान सोलंकी और रिजवान पिछले साल दिसंबर से जेल में हैं. दंगा और आगजनी के आरोप में मामला दर्ज होने के बाद सोलंकी बंधुओं ने पुलिस आयुक्त के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. चार बार विधायक रह चुके सोलंकी फिलहाल महाराजगंज जिला कारागार में कैद हैं.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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