यूपी में सहयोगियों ने ही बढ़ाई BJP की मुश्किलें! अब CM योगी के मंत्री ने की जातीय जनगणना की मांग

रवि गुप्ता

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Uttar Pradesh News : बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश में भी इसकी मांग होने लगी है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी जातिगत जनगणना की मांग सीएम योगी आदित्यनाथ से कर चुके हैं. लेकिन बीजेपी की मुश्किलें उसके सहयोगी दलों ने बढ़ा रखी है. बीजेपी के सहयोगी दल भी एक सुर में जातीय जनगणना की मांग लगातार कर रहे हैं. वहीं अब उत्तर प्रदेश सरकार में मत्स्य मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद ने भी जातीय जनगणना की मांग कर दी है.

संजय निषाद ने यूपीतक से बात करते हुए कहा कि, ‘जातिगत जनगणना को लेकर बड़ी मांग कर दी. जाति जनगणना की बात दोहराते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर विचार करना चाहिए. प्रदेश में भी जाति आधारित जनगणना होना जरूरी है.’

यूपी में 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी निषाद पार्टी!

संजय निषाद ने आगे कहा कि हमारी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में 37 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. इसके लिए भाजपा के शीर्ष नेताओं से बातचीत चल रही है, जिन सीटों पर निषाद समाज की बहुल्यता है उन सीटों पर पार्टी अपने सिंबल पर चुनाव लड़ेगी. हमारे लिए भाजपा ने हमेशा बड़े भाई की भूमिका निभाई है. हम चाहते हैं कि जिन सीटों पर निषाद समुदाय की लगभग 3.50 लाख से ज्यादा की संख्या है, वहां हम अपने सिंबल पर चुनाव लड़ें. उन्होंने कहा कि वह भाजपा से शुरू से ही कहती आ रही है कि उन्हें हारी हुए सीटें दे दें वह जीतकर दिखा देंगे.

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योगी सरकार के मंत्री ने की बड़ी मांग

यूपीतक से बातचीत करते हुए मत्स्य मंत्री डा संजय निषाद ने बताया कि, ‘जो एससी में है उसको ओबीसी में गिन दो तो यह बहुत बड़ाअपराध है. क्योंकि किसी की गिनती को ग़लत कराकर आप उसकी जो संवैधानिक सुरक्षा है उसको छीन लेते हैं. क्योंकि SC क़ानून के तहत जो भी इस कैटोगरी में आता है उसकी जमीन, जायदाद, नौकरी हिस्सा कोई नहीं ले सकता है. साथ ही एससी कैटोगरी का व्यक्ति लोकसभा या विधानसभा जैसे चुनाव लड़ सकता है लेकिन जैसे ही उसे ओबीसी में धकेला जाता है वह इन सबसे वंचित हो जाता है.’

उन्होंने आगे कहा कि, ‘केवट, मल्लाह, बिंद, कश्यप, कहार जैसी जातियाँ फिशरमैन में आती है जिनको गिना तो दशमलव में जाता है. लेकिन उनकी जनसंख्या इससे कई अधिक है, जिसे नज़रअंदाज़ किया जा रहा है. ऐसी कुल 578 जातियाँ है जो अंग्रेजों के समय से प्रताड़ित हो रही है, जिन्हें क्रिमिनल घोषित कर दिया गया था. वो सड़कों पर घूमने को मजबूर है, उन्हें भी इस नई व्यवस्था में समायोजित किया जाना चाहिए. देश की पाइपलाइन में जो 193 जातियाँ है उन सबको समायोजित करना चाहिए.

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राजभर बनेंगे मंत्री?

वहीं ओपी राजभर कब बनेंगे मंत्री? इस सवाल पर संजय निषाद ने कहा कि, ‘ओपी राजभर हमारे भैया है. उनकी और हमारी लड़ाई एक ही है. भाजपा तो चाय बेचने वाले को प्रधानमंत्री बना देती है तो उनका भी मंत्री बनना तय है. उनके मंत्री बनने से हमको क्या दिक़्क़त हो सकती है.’

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