UP: अब विधान परिषद चुनाव में बहुमत हासिल करने पर BJP की नजर, जानिए मौजूदा स्थिति
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नजर अब स्थानीय निकाय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से नौ…
ADVERTISEMENT
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नजर अब स्थानीय निकाय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से नौ अप्रैल को होने वाले राज्य विधान परिषद की 36 सीटों पर द्विवार्षिक चुनाव में बहुमत हासिल करने पर होगी.
निर्वाचन कार्यालय के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि उच्च सदन की 36 सीटें 35 स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों में फैली हुई है, जहां नौ अप्रैल को एक साथ मतदान होगा और 12 अप्रैल को मतगणना होगी.
हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बड़े बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आई बीजेपी के लिए यह चुनाव खुद को सदन में सबसे बड़ी पार्टी बनाने का एक अवसर होगा और इस तरह यूपी विधानमंडल के दोनों सदनों में पार्टी को बहुमत मिल सकता है.
सत्रहवीं विधानसभा में बीजेपी के पास स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद विधान परिषद में संख्या बल में समाजवादी पार्टी (एसपी) के भारी होने से बीजेपी को विधेयकों को पारित कराने में मुश्किल होती थी. स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से जीते सदस्यों का कार्यकाल पिछले सात मार्च को समाप्त हो गया.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
उत्तर प्रदेश की 100 सदस्यीय विधान परिषद में वर्तमान में बीजेपी के 35 सदस्य, एसपी के 17 और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के चार सदस्य हैं. यूपी विधान परिषद में कांग्रेस, अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य हैं. फिलहाल 37 सीटें खाली हैं.
परिषद में विपक्ष के नेता अहमद हसन का पिछले दिनों लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले एसपी के कई विधान पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए थे. इनमें नरेंद्र सिंह भाटी, शतरुद्र प्रकाश, रमा निरंजन, रविशंकर सिंह पप्पू, सीपी चंद्र, घनश्याम लोधी, शैलेंद्र प्रताप सिंह और रमेश मिश्रा शामिल थे. बीएसपी के विधान पार्षद सुरेश कश्यप भी बीजेपी में शामिल हो गए.
ADVERTISEMENT
चुनाव प्रक्रिया 15 मार्च से शुरू होगी. तकनीकी रूप से, चुनाव अभी भी दो चरणों में हो रहे हैं जैसा कि मूल रूप से घोषित किया गया था, लेकिन अब मतदान एक ही दिन में होगा. निर्वाचन आयोग ने छह फरवरी को एक बयान में कहा था कि राजनीतिक दलों की मांगों के बाद कार्यक्रम में बदलाव किया गया.
आयोग ने 28 जनवरी को घोषणा की थी कि द्विवार्षिक विधान परिषद चुनाव तीन और सात मार्च को दो चरणों में होंगे. मतगणना 12 मार्च को होनी थी, लेकिन अब दोनों चरणों में नौ अप्रैल को मतदान होगा और 12 अप्रैल को मतगणना होगी.
सदस्यों का कार्यकाल सात मार्च को समाप्त हो गया. उल्लेखनीय है कि मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकरण के निर्वाचन क्षेत्र में दो सीटें हैं, जिसके लिए अलग-अलग चुनाव होंगे. हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में, बीजेपी ने 255 सीटें जीती हैं, जबकि उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी ने क्रमशः12 और 6 सीटें जीती हैं.
ADVERTISEMENT
समाजवादी पार्टी ने 111 सीटें जीती हैं, जबकि उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल ने 8 सीटें और एक अन्य सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने छह सीटों पर जीत हासिल की है. कांग्रेस ने दो सीटें जीती हैं, जबकि बीएसपी ने एक सीट जीती है.
विधान परिषद चुनावों पर उत्तर प्रदेश बीजेपी के महामंत्री जेपीएस राठौर ने सोमवार को बताया, ‘‘इस संबंध में पार्टी कार्यालय में एक बैठक हुई और प्रत्येक सीट से संभावित उम्मीदवारों के तीन से पांच नाम मांगे गए हैं.’
उन्होंने कहा कि इस चुनाव में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत के सदस्य और प्रखंड प्रमुख, जिला पंचायत के सदस्य और अध्यक्ष, नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद और नगर निगमों के पार्षद तथा अध्यक्ष मतदाता होंगे और इनके अलावा विधायक और सांसद भी अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे.
उत्तर प्रदेश विधानसभा में इस बार बदला-बदला दिखेगा दलों का नजारा, जानिए बड़ी बातें
ADVERTISEMENT